केंद्रीय गृह सचिव ने राज्य सरकारों से कहा, सुनिश्चित करें मजदूर सड़क और रेलवे पटरियों पर न चलें

लॉकडाउन होने के बाद कुछ राज्यों से खबर आई कि वहां रह रहे प्रवासी मजदूर पैदल ही यात्रा कर अपने राज्यों की ओर जा रहे हैं. इस वजह से कई मजदूरों की जान चली गई. कोई गर्मी के कारण तो कोई रेल की पटरियों पर दम तोड़ गए. इस विषय पर चिंता जाहिर करते हुए  केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को श्रमिक विशेष ट्रेनें प्राप्त करने में सहयोग करने और फंसे हुए प्रवासी कामगारों के आवागमन की सुविधा को लेकर पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि प्रवासी सड़कों और रेलवे ट्रैक के किनारे ना जाएं.

 

 

गृह मंत्रालय ने चिकित्सकों, पराचिकित्सकों की आवाजाही पर कुछ राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से लगाई गई पाबंदियों पर आपत्ति जताई, कहा वे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। सभी निजी क्लीनिकों को खोलने की अनुमति देने को कहा गया है। इस तरह की गतिविधियों को अंतर मंत्रालयी सुविधा प्राप्त होगी।

 

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रेलवे ट्रैक, सड़कों पर न जाएं प्रवासी मजदूर

केंद्र ने प्रवासियों के सड़कों और रेलवे ट्रैक पर चलने को लेकर गंभीर चिंता जताई है। राज्यों से कहा है कि उन्हें उनके गृह राज्य वापस भेजना सुनिश्चित करने के लिए विशेष ट्रेनों को अनुमति दें। राज्यों से ज्यादा से ज्यादा श्रमिक ट्रेनों में सहयोग करने के लिए कहा है। रविवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की बैठक का जिक्र करते हुए भल्ला मे भी सड़कों और रेलवे पटरियों पर पैदल चलने वाले प्रवासी श्रमिकों की स्थिति पर चिंता जाहिर की।

 

उन्होंने कहा, ‘चूंकि बसों और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों द्वारा उनके आवागमन को पहले से ही उनके गृह राज्य ले जाने के लिए अनुमति दी गई है, इसलिए सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रवासी श्रमिक सड़क और रेलवे पटरियों पर न चलें। यदि उन्हें ऐसा करते हुए पाया जाता है तो उन्हें समझाकर पास में स्थित आश्रय स्थल ले जाना चाहिए और तब तक उन्हें खाना, पानी आदि देना चाहिए जब तक कि वह ट्रेन या बस में नहीं चढ़ जाते।’

 

चिकित्सा पेशेवरों की आवाजाही पर लगी रोक पर जताई नाराजगी

गृह मंत्रालय ने चिकित्सकों, पराचिकित्सकों की आवाजाही पर कुछ राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से लगाई गई पाबंदियों पर आपत्ति जताई, कहा वे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। उनकी आवाजाही पर रोक लगाना कोविड, गैर कोविड सेवाओं को गंभीर रूप से बाधित करना है। मंत्रालय ने कहा कि सभी निजी क्लिनिकों, नर्सिंग होम, लैबों को तमाम चिकित्सा स्टाफ के साथ खोला जाना सुनिश्चित करना चाहिए।

 

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