Chhattisgarh: एक लाख से ज्यादा दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों की है जानकारी, बढ़ सकती है सेंख्या-नोडल अधिकारी

छत्तीसगढ़। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला तो किया ही साथ ही दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को घर वापसी करने के लिए भी फैसला लिया गया. अब हर राज्य सरकारों ने अपने मजदूरों को वापिस लाने के लिए तैयारियां कर ली हैं और कर रहीं हैं. इसके लिए स्पेशल ट्रेन और बसें  चलाई जा रही है. इसी बीच छत्तीसगढ़ सरकार भी इसी कड़ी में दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों और छात्रों को लाने के लिए कार्य कर रही है.

नोडल अधिकारी

 

 

छत्तीसगढ़ नोडल अधिकारी सोनमणि बोराह ने कहा कि हमें लगभग 1,09,000 लोगों की जानकारी मिली है, लेकिन हम अनुमान नहीं लगा सकते हैं कि उनमें से कितने वापस आएंगे। यह संख्या बड़ी हो सकती है क्योंकि हमारे राज्य के कई लोग कहीं और काम कर रहे हैं। हम एक आकलन कर रहे हैं।
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गौरतलब हो कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में जारी लॉकडाउन की अवधि एक बार फिर बढ़ा दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश जारी किया कि चार मई को खुलने वाले लॉकडाउन को अब दो सप्ताह के लिए और बढ़ा दिया है। अब यह लॉकडाउन 17 मई तक जारी रहेगा। मंत्रालय ने यह आदेश आपदा नियंत्रण कानून, 2005 के तहत लिया।

 

 

लॉकडाउन बढ़ाने के साथ ही गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि ग्रीन और ऑरेंज जोन में कुछ राहतें दी जाएंगी वहीं, रेड जोन में कोई छूट नहीं दी जाएगी। रेड जोन और कंटेनमेंट क्षेत्र के बाहरी इलाकों में देश भर में प्रतिबंधित गतिविधियों के अलावा कुछ अतिरिक्त गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी। इनमें साइकिल रिक्शा और ऑटोरिक्शा, टैक्सी, ऑनलाइन कैब सेवा, जिले के अंदर और जिलों के बीच बसें, नाई की दुकान, स्पा और सलून आदि सेवाएं शामिल हैं।

मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के साथ ही नए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। इसके अनुसार ऑरेंज जोन में जिले के अंदर-अंदर लोगों और वाहनों को और लोगों को अनुमति प्राप्त गतिविधियों के लिए यात्रा करने की अनुमति होगी। चारपहिया वाहन में ड्राइवर के अलावा दो लोगों को बैठने की अनुमति होगी।

ग्रीन जोन में देशभर में जारी कुछ प्रतिबंधित गतिविधियों को छोड़कर बाकी सभी गतिविधियों को अनुमति दी गई है। जिले के अंदर बसों के संचालन और बस डिपो के संचालन को अनुमति दी गई है। हालांकि बसों में 50 फीसदी यात्रियों को बैठाने का निर्देश दिया गया है।

 

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