Birthday 2020: CID के एसीपी प्रद्युम्न का यह शो बना चुका है वर्ल्ड रिकॉर्ड, ये हैं उनके 10 रोचक किरदार…
टीवी की दुनिया में सबसे ज्यादा चलने वाले सीरियलों को सबसे पॉपुलर माना जाता है. उनके किरदारों से दर्शकों को अलग ही लगाव हो जाता है. ज्यादातर सीरियल सास-बहू वाले ही होते हैं. लेकिन सोनी टीवी का सबसे लोकप्रिय सीरियल सीआईडी रहा है और इसने दर्शकों के दिलों में एक अलग ही जगह बनाई है. साथ ही इसमें गढ़े गए किरदारों को आजतक लोग याद करते हैं. इस शो में एसीपी प्रद्युम्न का किरदार निभाने वाले अभिनेता शिवाजी साटम को इसी किरदार से घर-घर में जाना जाने लगा. आज शिवाजी अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर आइए जानते हैं उनके अबतक के सबसे रोचक किरदार…
किरदार- पुलिस इंस्पेक्टर जोशी
फिल्म- यशवंत (1997)
इस एक्शन क्राइम जॉनर की फिल्म का निर्देशन अनिल मट्टू ने किया। फिल्म में नाना पाटेकर, मधु और अतुल अग्निहोत्री मुख्य किरदारों में नजर आए। यह फिल्म नाना पाटेकर के शानदार अभिनय के लिए जानी जाती है। फिल्म में उन्होंने इंस्पेक्टर का किरदार अदा किया था वहीं शिवाजी साटम भी इस फिल्म में इंस्पेक्टर की वर्दी में नजर आए। फिल्म में वह इंस्पेक्टर जोशी के तौर पर पहचाने गए। जो यशवंत से ठीक उलट होता है। यहां तक कि वह कुछ बदमाशों को भी यशवंत के चंगुल से बचाने की कोशिश करता है।
किरदार- दयानंद दीक्षित
फिल्म-गुलाम-ए-मुस्तफा (1997)
इस फिल्म में नाना पाटेकर और रवीना टंडन मुख्य रोल में दिखे। शिवाजी साटम, दयानंद दीक्षित के किरदार में नजर आए हैं तो वहीं अरुणा ईरानी उनकी पत्नी के रोल में हैं। फिल्म में नाना पाटेकर एक गुंडे के किरदार में है जिसपर दीक्षित परिवार की संगति का सकारात्मक असर पड़ता है। फिल्म का निर्देशन पार्थो घोष ने किया है तो वहीं पी.जी. श्रीकांत और दिनेश गांधी निर्माता के तौर पर हैं। इस फिल्म को लोगों द्वारा अच्छी प्रतिक्रिया हासिल हुई थी।
किरदार- एसीपी प्रद्युम्न
टीवी शो- सीआईडी (1998)
यह टीवी शो आज भी देश के सबसे लंबे समय तक (20 वर्ष से अधिक) चलने वाले टीवी शोज में है। शो में शिवाजी साटम का एक संवाद बहुत मशहूर हुआ जिसमें वह कहते हैं कि ‘कुछ तो गड़बड़ है’। इस शो से जुड़े कई किस्से कहानियां हैं। कहा जाता है कि एक बार इस शो की शूटिंग के दौरान शिवाजी साटम बड़ी दुर्घटना का शिकार होते होत बचे थें। तो वहीं एक दफा दर्शकों के बीच ऐसी अफवाह फैल गई थी कि उनका पंसदीदा किरदार एसीपी प्रद्युम्न का शो में दिल का दौरा पड़ने के बाद मौत हो जाएगी। यह शो 111 मिनट तक बिनी किसी कट के लगातार शूट होने के चलते गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है।
किरदार- गोपीनाथ
फिल्म-चाइना गेट (1998)
राजकुमार संतोषी निर्देशित यह फिल्म साल 1998 में रिलीज हुई। फिल्म में उर्मिला मांतोडकर पर फिल्माया गया गाना छम्मा छम्मा काफी मशहूर हुआ था। फिल्म में ओम पुरी, अमरीश पुरी, नसीरुद्दीन शाह, ममता कुलकर्णी मुख्य रोल में दिखे। शिवाजी साटम के किरदार की बात करें तो उन्होंने गोपीनाथ नामक गांव के सरपंच का किरदार निभाया था। फिल्म में उनका हुलिया इस कदर सरपंच के किरदार में ढल गया कि कोई पहचान ही सकता था कि वह इससे पहले की फिल्मों में इंस्पेक्टर और रईस व्यक्ति का किरदार भी निभा चुके हैं।
किरदार-नामदेव
फिल्म-वास्तव (1999)
वास्तव का नाम आते ही संजय दत्त की छवि सामने आ जाती है। यह फिल्म उनके करियर की सुपरहिट फिल्म तो साबित हुई लेकिन फिल्म को हिट बनाने में दूसरे सहायक कलाकारों का भी अहम योगदान रहा। इन्हीं में से एक कलाकार थें शिवाजी साटम जिन्होंने नामदेव का किरदार अदा किया था। फिल्म में वह संजय दत्त के पिता बने हैं। फिल्म का निर्देशन और लेखन महेश मांजरेकर ने किया था। फिल्म की कहानी मुंबई अंडरवर्ल्ड के इर्द-गिर्द घूमती है। इस फिल्म को उस साल की सुपरहिट फिल्म के तौर पर याद किया जाता है।
किरदार- गंगा के पिता
फिल्म- जिस देश में गंगा रहता है (2000)
इस फिल्म में गोविंदा ने मुख्य रोल निभाया है। बचपन में ही उनकी जान की रक्षा के लिए उनके मां बाप उन्हें गांव में एक परिवार के पास परवरिश के लिए छोड़ देते हैं। शिवाजी साटम गांव में रहने वाले व्यक्ति के रोल में हैं जो गंगा (गोविंदा) का पालन पोषण करता है। युवा होने पर गंगा वापस शहर चला जाता है। हालांकि वहां का माहौल उसे भाता नहीं है और वह फिर वापस गांव चला जाता है। फिल्म का निर्देशन महेश मांजरेकर ने किया वहीं जैकी श्रॉफ और आयशा श्रॉफ ने इस फिल्म को प्रोड्यूस किया है।
किरदार-मंजरी के पिता
फिल्म- नायक (2001)
अनिल कपूर, रानी मुखर्जी और अमरीश पुरी अभिनीत इस फिल्म में शिवाजी साटम ने रानी मुखर्जी के पिता का किरादर अदा किया है। वह गांव में रहते हैं और अपनी बेटी के लिए एक सरकारी नौकरी वाला लड़का ढूंढ रहे होते हैं। फिल्म में उनका कभी सख्त तो कभी नरम रवैया आज भी लोगों के दिलों में ताजा है। अपने विषय और सभी कलाकारों की बेहतरीन अदाकारी के दम पर यह फिल्म आज भी मशहूर है।
किरदार-रघु
फिल्म- उत्तरायण (2005)
शिवाजी साटम की यह मराठी फिल्म उनकी सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक है। फिल्म की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ था। यह फिल्म एक मराठी नाटक पर आधारित है। फिल्म में रघु (शिवाजी) एक रिटायर्ड पिता के रोल में हैं जो अपने बेटे संजय के साथ रहने के लिए मुंबई आ जाता है। सालों पहले अपनी पत्नी को खो चुके रघु की मुलाकात अपने बचपन की दोस्त से होती है जिसे वह कभी दिल ही दिल में चाहते थें। वह भी अपने परिवार से अलग होकर अकेले ही रहती है। दोनों एक दूसरे से प्यार कर बैठते हैं और शादी करने का निश्चय कर लेते हैं लेकिन इसका फैसले का विरोध उनके अपने ही करते हैं।
किरदार- अर्जुन बजाज
फिल्म- टैक्सी नंबर 9211 (2006)
जॉन अब्राहम और नाना पाटेकर अभिनीत यह फिल्म आज भी दोनों की लाजवाब केमिस्ट्री के लिए याद की जाती है। फिल्म में दोनों के अलावा समीरा रेड्डी और शिवाजी साटम भी हैं। फिल्म में शिवाजी साटम ने जॉन अब्राहम के पिता के दोस्त अर्जुन बजाज का किरदार निभाया है। फिल्म का निर्देशन मिलन लूथरिया ने किया है। यह एक हॉलीवुड फिल्म चेंजिंग लेन्स से प्रभावित थी जिसकी रीमेक तमिल और तेलुगू भाषा में भी बनी। यह साल 2006 की सबसे अधिक कमाई करने वाली हिंदी फिल्मों में एक रही।