Uttarakhand: किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आने के बाद आखिर कैसे यह महिला हुई कोरोना का शिकार? जानिए यहां..

कोरोना वायरस से संक्रमण के लिए कहते हैं कि आपको किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना जरुरी है. लेकिन उत्तराखंड से एक केस ऐसा आया है जिसमें यह बात बिल्कुल लागू नहीं हो रही. उत्तराखंड के रुड़की के भगवानपुर के मानक मजरा में कोरोना का दूसरा केस सामने आया है, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि आखिर यह महिला कैसे संक्रमित हुई? क्योंकि, कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग के साथ जमात में गए महिला के पति के अलावा परिवार के चार लोगों समेत 38 ग्रामीणों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इन सबके बीच अहम बात यह सामने आ रही है कि कहीं महिला के संक्रमित होने का कारण कमजोर इम्यूनिटी तो नहीं, क्योंकि वह काफी दिनों से बीमार रहती है।

कोरोना

सीएमओ भी इससे इनकार नहीं करती हैं। संक्रमित महिला के बेटे ने बातचीत में कहा कि वह खुद भी तीन भाई और बहन के साथ आरोग्यम अस्पताल में आइसोलेट हैं। उनके पिता कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग के साथ 21 मार्च को दिल्ली मरकज से लौटे थे। इसके बाद से उनके परिवार के किसी सदस्य का बुजुर्ग या उसके परिवार के साथ संपर्क नहीं हुआ।

 

दोनों के घर भी गांव में काफी दूरी पर हैं। सवाल यह भी है कि पिता की रिपोर्ट नेगेटिव आई तो मां कैसे संक्रमित हो गई, जबकि कोरोना संक्रमित बुजुर्ग के साथ पिता दिल्ली गए थे। हालांकि, उनका कहना है कि मां लंबे समय से बीमार रहती हैं। हर वक्त नजला जुकाम रहता है और कई दिनों से बुखार भी था। ऐसे में हो सकता है कि इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होने के चलते मां की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और पिता स्वस्थ होने के कारण इससे उबर गए हों।

सुबह-सुबह आगर पीते है एक गिलास गुनगुना पानी तो इस बीमारी से मिलेगा छुटकारा

सीएमओ डॉ. सरोज नैथानी का भी मानना है कि इम्यूनिटी सिस्टम के चलते भी रिपोर्ट में अंतर आ सकता है। महिला के बीमार होने के कारण इम्यूनिटी सिस्टम स्वाभाविक रूप से कमजोर होगा। उन्होंने बताया कि महिला के पति को भी निगरानी में रखा गया है। कई लोगों में 18 दिन के बाद भी लक्षण आ जाते हैं। ऐसे में हो सकता है कि आने वाली रिपोर्ट पॉजिटिव हो।

 

उत्तराखंड के रुड़की के भगवानपुर के मानक मजरा में कोरोना का दूसरा केस सामने आया है, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि आखिर यह महिला कैसे संक्रमित हुई? क्योंकि, कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग के साथ जमात में गए महिला के पति के अलावा परिवार के चार लोगों समेत 38 ग्रामीणों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इन सबके बीच अहम बात यह सामने आ रही है कि कहीं महिला के संक्रमित होने का कारण कमजोर इम्यूनिटी तो नहीं, क्योंकि वह काफी दिनों से बीमार रहती है।

 

सीएमओ भी इससे इनकार नहीं करती हैं। संक्रमित महिला के बेटे ने अमर उजाला से मोबाइल पर बातचीत में कहा कि वह खुद भी तीन भाई और बहन के साथ आरोग्यम अस्पताल में आइसोलेट हैं। उनके पिता कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग के साथ 21 मार्च को दिल्ली मरकज से लौटे थे। इसके बाद से उनके परिवार के किसी सदस्य का बुजुर्ग या उसके परिवार के साथ संपर्क नहीं हुआ।

 

दोनों के घर भी गांव में काफी दूरी पर हैं। सवाल यह भी है कि पिता की रिपोर्ट नेगेटिव आई तो मां कैसे संक्रमित हो गई, जबकि कोरोना संक्रमित बुजुर्ग के साथ पिता दिल्ली गए थे। हालांकि, उनका कहना है कि मां लंबे समय से बीमार रहती हैं। हर वक्त नजला जुकाम रहता है और कई दिनों से बुखार भी था। ऐसे में हो सकता है कि इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होने के चलते मां की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और पिता स्वस्थ होने के कारण इससे उबर गए हों।

 

सीएमओ डॉ. सरोज नैथानी का भी मानना है कि इम्यूनिटी सिस्टम के चलते भी रिपोर्ट में अंतर आ सकता है। महिला के बीमार होने के कारण इम्यूनिटी सिस्टम स्वाभाविक रूप से कमजोर होगा। उन्होंने बताया कि महिला के पति को भी निगरानी में रखा गया है। कई लोगों में 18 दिन के बाद भी लक्षण आ जाते हैं। ऐसे में हो सकता है कि आने वाली रिपोर्ट पॉजिटिव हो।

…कहीं दिल्ली के युवक के संपर्क से तो नहीं हुआ संक्रमण

हाथरस निवासी जिस युवक में कोरोना की पुष्टि हुई है, वह अपने पांच साथियों के साथ पकड़ा गया था, लेकिन एक छठा युवक भी था, जिसे उनके साथ रुड़की में संस्थागत क्वारंटीन किया गया था। खुफिया सूत्रों के अनुसार, छठा युवक कुछ दिन पूर्व दिल्ली से आकर कोरोना पॉजिटिव युवक से ऋषिकेश में मिला था। उसकी रिपोर्ट भी एक-दो दिन में आनी है।

 

19 संदिग्ध एनआईएच में शिफ्ट, 30 होम क्वारंटीन

सीएमओ डॉ. सरोज नैथानी ने बताया कि हाथरस निवासी कोरोना संक्रमित को रुड़की में एक बैंक्विट हॉल में संस्थागत क्वारंटीन किया गया था। शनिवार को यहां क्वारंटीन अन्य 19 लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया। साथ ही इन सबके भी सैंपल लिए जा रहे हैं। वहीं, रुड़की में संस्थागत क्वारंटीन किए गए मंगलौर के मोहल्ला मलकपुरा के 30 लोगों को उनके घरों में भेजकर होम क्वारंटीन कर दिया गया है।

 

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