कोरोना से बचने के लिए इस देश ने अपनाई अनोखीं चीज,जानें क्या हैं…

कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में फैला हुआ है। सभी देश अपने-अपने तरीके से निपटने की कोशिश में लगे हुए है। जबकी अब तक हजारों की तदात में लोगों की मौत हो गई है। सभी देश के वैज्ञानिक अपने तरीके से रोकथाम में लगे हुए है। वहीं कुछ वैज्ञानिको ने इसको फैलने से रोकने के लिए तरीके भी निकाल लिए है।इस महामारी को रोकने के लिए कुत्तों की मदद ली जाएगी। ये कुत्ते सूंघकर इस वायरस का पता लगाएंगे। कुत्ते, वायरस को सूंघकर लगाएंगे Download Amar Ujala App for Breaking News in Hindi & Live Updates. https://www.amarujala.com/channels/downloads?tm_source=text_share

दरअसल, इंसान की तुलना में कुत्तों की सूंघने की क्षमता 10 हजार गुना तेज होती है। इतना ही नहीं, ड्रग्स और विस्फोटकों को भी कुत्ते सूंघकर पता लगाने की क्षमता रखते हैं। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन द्वारा हुए एक रिसर्च में इस बात का पता चला है कि कुत्ते सांस से जुड़ी बीमारी को भी आसानी से पहचान कर लेते हैं। मलेरिया जैसे रोग को कुत्ते सूंघकर पता लगाने में सक्षम हैं।

भारत के इस कदम की IMF ने की तारीफ, कही यह बात…इस बात का पता चलने के बाद ब्रिटेन की चैरिटेबल संस्था वैज्ञानिकों के साथ मिलकर इस चीज को पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कुत्ते कोरोना वायरस का पता लगा पाने में मददगार साबित हो सकते हैं या नहीं। संस्था ने बताया कि इसके लिए हमें कुतों को विशेष ट्रेनिंग देनी होगी और उन्होंने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के रोग नियंत्रण प्रमुख ने बताया कि ‘हमने पाया कि कुत्ते मलेरिया की सटीकता से पहचान करने में सक्षम हैं। यही नहीं, वे सांसों से जुड़ी अन्य बीमारियों का पता लगाने में भी काफी माहिर हैं। माना जा रहा है कि इसकी वजह से वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि कुत्ते कोरोना वायरस का भी पता लगा पाने में मददगार बन सकते हैं।

वैज्ञानिकों के मुताबिक कुछ कुत्तों को कैंसर और पार्किंसंस जैसी बीमारी के शुरुआती लक्षण पहचनाने के लिए पहले से ही प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसके बाद से लंदन का मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स स्कूल यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या कुत्ते कोरोना की पहचान कर लेंगे?  मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स दावा करते हुए कहा कि सैद्धांतिक रूप से हमें यकीन है कि कोरोना वायरस का पता लगा सकते हैं। इसके लिए हमारी कोशिश यही है कि हम किसी तरह रोगियों से वायरस की गंध को सुरक्षित रूप से पकड़ कर कुत्तों के सामने पेश कर सकें।

 

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