चंद्रयान-2 की सफल लैंडिंग के बाद चांद की सतह की चूमने वाला चौथा देश भारत
चंद्रयान-2 की सफल लैंडिंग के बाद भारत चांद की सतह की चूमने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन अपने यान चांद की सतह पर भेज चुके हैं। हालांकि अभी तक किसी भी देश ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने की कोशिश नहीं की है।
जबकि भारतीय मिशन दक्षिणी ध्रुव के नजदीक उतरेगा। इसरो चेयरमैन के. सिवन ने कहा, इस मिशन का सबसे कठिन हिस्सा चंद्रमा की सतह पर सफल और सुरक्षित लैंडिंग है। चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह से 30 किमी की ऊंचाई से नीचे आएगा। सतह पर आने में करीब 15 मिनट लगेंगे। यह 15 मिनट हमारे लिए बेहद अहम हैं।
सिवन ने कहा हम ऐसी जगह लैंडिंग करेंगे जहां पहले किसी ने उतरने की कोशिश नहीं की। विज्ञान के दृष्टिकोण से दक्षिणी ध्रुव उत्तरी ध्रुव से अधिक छाया क्षेत्र में है। इसके चलते दक्षिणी ध्रुव पर पानी अधिक होने की उम्मीद है। साथ ही खनिज भी ज्यादा होने की उम्मीद है।
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3800 किलो वजनी अंतरिक्ष यान में तीन मॉड्यूल ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर हैं। ऑर्बिटर में आठ, लैंडर तीन और रोवर दो पेलोड होंगे। जिन्हें लॉन्च व्हीकल जीएसएलवी एमके-3 से लांच किया जाएगा। खास बात यह है कि इस लॉन्च व्हीकल को भारत में ही बनाया गया है।
1000 करोड़ रुपये के इस मिशन में जीएसएलवी एमके-3 की कीमत 375 करोड़ रुपये है। इसरो ने बुधवार को इस मिशन की पहली फोटो जारी की। लॉन्च के बाद 16 दिनों में चंद्रयान-2 पृथ्वी के चारों तरफ पांच बार कक्षा बदलेगा।