
देहरादून। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और चमोली जिलों में भारी बारिश के बाद बादल फटने और भूस्खलनों से 39 लोगों की अबतक मौत हो गई जबकि 20 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है। पिथौरागढ़ जिले के कनालीचिना ब्लॉक के बासतिया गांव में भूस्खलनों के बाद मलबे में 30 लोग फंसे हुए हैं। जिला प्रशासन के दल ने स्थानीय लोगों की मदद से चार शवों को बाहर निकाला। के अनुसार उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश पर अगले 72 घंटे भारी गुजरने वाले हैं।
मानसून उत्तर भारत में अपना असर दिखा रहा है, इसकी वजह से दिल्ली, एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और उत्तराखंड के तमाम इलाकों में मौसम बदल चुका है। कई जगहों पर भारी बारिश से आम जनजीवन अस्त–व्यस्त हो गया हैं। लेकिन अब पहाड़ों के मौसम में बदलाव और तेजी से होगा और अगले 48 घंटों में हिमालय पर मूसलाधार बारिश होने वाली है।
उत्तराखंड-हिमाचल में अलर्ट जारी
मौसम विभाग की मानें तो मानसून और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आपस में टकरा रहे हैं, जिसकी वजह से पहाड़ के ऊंचे इलाकों में मौसम खराब होने की आशंका काफी बढ़ गई है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल के पहाड़ी इलाकों के लिए भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इन तीनों राज्यों में अगले 72 घंटों में 12 सेंटीमीटर या इससे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की जा सकती है।
उत्तराखंड में अलकनंदा खतरे के निशान से ऊपर
उत्तराखंड की सबसे खतरनाक और सबसे बड़ी नदी अलकनंदा उफान पर है। कहा जाता है कि अलकनंदा जब अपना रौद्र रूप धारण करती है तो सिर्फ और सिर्फ तबाही लाती है। ऋषिकेष-बद्रीनाथ मार्ग पर तोता घाटी के पास चट्टान खिसकने से हाइवे बंद हो गया है। उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे से मौसम ने जैसे हाहाकार मचा दिया है, बाढ़ और बारिश प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू टीमें भेजी जा रही हैं।
अरूणाचल प्रदेश में भूस्खलन से दस की मौत
अरुणाचल प्रदेश के वेस्ट कामेंग जिले के भालुकपुंग में तेज बारिश के चलते हुए भूस्खलन में महिलाओं और बच्चों समेत लगभग 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लापता है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पांच शव निकाले जा चुके हैं। मरने वालों में दो बच्चे व पांच महिलाएं शामिल हैं। भूस्खलन में कई घर पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं। वहीं तीन लोगों को जिंदा बचा लिया गया है। अन्य शवों को निकालने के लिए अभियान जारी है।
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भूस्खलन से 19 की मौत
अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में भूस्खलन में दो लोगों की मौत हो गई थी। इसके साथ ही दो दिनों में भूस्खलन में मृतकों की संख्या बढ़कर 19 हो गई। इस बीच केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजीजू और अन्य नेताओं ने चीन से लगे इस इलाके का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। फामला गांव में हुए भूस्खलन में एक निर्माण श्रमिकों के शिविर में मौजूद 15 लोगों की मौत हो गई थी। घटना में घायल दो लोगों की मौत हो गई, जबकि थोंगलेंग गांव में एक अन्य भूस्खलन में दो अतिरिक्त लोगों की मौत हो गई। भूस्खलन में 30 से अधिक घर तबाह हो गए।