खुल गई स्वच्छ भारत की पोल, अभी भी 44 फीसदी कर रहे खुले में शौच…

स्वच्छ भारत के तहत देशभर में स्वच्छता का अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन पिछले दिनों आए शोध से पता चला है कि उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में अभी भी 44 फीसदी लोग खुले में शौच कर रहे हैं। वहीं 2014 तक इन राज्यों में  करीब 70 फीसदी लोग खुले में जाते थे।

स्वच्छ भारत की पोल

पिछले 4 वर्षों में खुले में शौच किए जाने के मामले में 26 फीसदी का सुधार हुआ है। खुले में शौच किए जाने का खुलासा रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर कम्पेशनेट इकोनॉमिक्स (राइस) और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) ने अपने शोध में किया है।

जबकि मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार राज्य को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर चुकी है।

उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही बिहार और यूपी के लिए जल्द ही घोषणा की जाएगी। शोध के मुताबिक  इन राज्यों में पिछले चार वर्षों में टॉयलेट निर्माण में खासी तेजी देखी गई है।

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2014 में जिन घरों में शौचालय नहीं था, 2018 में उनमें से 57 फीसदी घरों में बन चुके थे। सर्वे में यह भी कहा गया है शौचालय बनाने के लिए सरकारी तंत्र ने लोगों को डराया और धमकाया भी है। कुछ जगहों पर जोर जबरदस्ती भी की गई है।

पूछताछ के दौरान करीब 56 फीसदी लोगों ने बताया कि उनके गांव के लोगों को शौचालय न बनवाने या खुले में शौच जाने पर जेल से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ बंद करने और जुर्माना लगाने तक की धमकी दी गई।

हर घर में शौचालय बनाए जाने के अभियान के तहत सामान्य और उच्च जाति के मुकाबले दलितों और आदिवासियों को अधिक डराया धमकाया गया है।

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