अगर आपके भी घर में है लाफिंग बुद्धा की मूर्ति, तो जरूर पढ़ें ये खबर…
आपने अक्सर लोगों के घरों में लाफिंग बुद्धा की छोटी-बड़ी मूर्तियां या तस्वीरें देखी होंगी। लोग इसे सुख-समृद्धि का प्रतीक मानते हैं और गुड लक लाने के लिए अपने-अपने घरों में रखते हैं।
लेकिन क्या आपको पता है कि लाफिंग बुद्धा थे कौन और कहां के रहने वाले थे और इनकी हंसी का राज क्या है? तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर लाफिंग बुद्धा की हंसी के पीछे क्या राज छुपा है।
लाफिंग बुद्धा की हंसी की कहानी बड़ी ही दिलचल्प है। कहा जाता है कि महात्मा बुद्ध के एक शिष्य हुआ करते थे, जिनका नाम था होतई। वो जापान के रहने वाले थे।
ऐसा माना जाता है कि जब होतेई को ज्ञान की प्राप्ति हुई, तब वह जोर-जोर से हंसने लगे। तभी से उन्होंने लोगों को हंसाना और खुश देखना अपने जीवन का एकमात्र उद्देश्य बना लिया।
कहा जाता है कि होतेई जहां भी जाते वहां लोगों को अपना बड़ा पेट दिखाकर हंसाते रहते।
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इसी वजह से जापान और चीन में लोग उन्हें हंसता हुआ बुद्धा बुलाने लगे, जिसको अंग्रेजी में लाफिंग बुद्धा कहते हैं।
होतई की तरह ही उनके अनुयायियों ने भी उनके एकमात्र उद्देश्य यानी लोगों को हंसाना और खुशी देना, को देश-दुनिया में फैलाया।
चीन में तो होतई यानी लाफिंग बुद्धा के अनुयायियों ने उनका इस कदर प्रचार किया कि वहां के लोग उन्हें भगवान मानने लगे। वहां लोग इनकी मूर्ति को गुड लक के तौर पर घरों में रखने लगे। हालांकि चीन में लाफिंग बुद्धा को पुताइ के नाम से जाना जाता है।