मिट्टी से बनी हैं इमारतें, बारिश और तूफान-आंधी का नहीं होता असर

आजतक सीमेंट, मौरंग, पत्थर की रेत और लोहे से बने घर और इमारतों के बारे में तो बहुत सुना होगा लेकिन शायद ही आपने पहले कभी मिट्टी की इमारतों के बारे में सुना या देखा होगा। आइए आपको बताते हैं ऐसी आश्चर्य करने वाली इमारतों के बारे में जिन्हें देखने कई पर्यटक भी पहुंचते हैं।

ये बहुमंजिला इमारतें,

दुनिया में एक ऐसी भी जगह है, जहां पर घर तो क्या बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स भी मिट्टी की बनी हुई हैं और इन बिल्डिंग्स और घरों की खासियत यह है कि इन पर बारिश और तूफान-आंधी का कोई असर नहीं होता।

हम जिन खास इमारतों की बात कर रहे हैं, वह सभी मध्य पूर्वी देश यमन के शिबम शहर में स्थित है जो अफ्रीका और यूरोप जाने वाले मार्ग के बीच में बसा हुआ है। इस जगह को रेगिस्तान का मैनहैट्टन कहा जाता है। वह इसलिए क्योंकि यहां पर काफी ऊंची-ऊंची इमारतें मिट्टी से बनाई गई हैं।

इस जगह पर 7000 लोगों की आबादी रहती है। यहां के लोग मुख्य रूप से व्यवसाय के तौर पर पशुपालन का काम करते हैं। तकरीबन 16वीं शताब्दी में बनीं ये इमारतें अपने आप में आश्चर्य हैं।
इसके बनने के पीछे एक वाक्या भी है। बताते चलें कि साल 1530 में यहां पर काफी भयानक बाढ़ आई थी, जिसमें यह शहर पूरी तरह से तबाह हो गया था। जिसके बाद यहां पर मिट्टी से बनी हुई बड़ी-बड़ी इमारतें बनाईं गईं। यहां ऐसी तकरीबन संख्या 500 से ज्यादा इमारतें हैं। इनमें कुछ पांच मंजिला हैं, तो कुछ 11 मंजिला तक ऊंची है।

मिट्टी से बनी इन ऊंची-ऊंची इमारतों को दुनिया का आश्चर्य भी कहा जाता है। यहां के लोग इन इमारतों की ठीक से देखभाल भी करते हैं। हालांकि यह आज भी प्रकृति की मार से बची हुई हैं। हालांकि साल 2008 में आए भयावह तूफान के चलते इन इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा था, लेकिन यहां रह रहे लोगों ने इसमें समय रहते सुधार किया और इसे संरक्षित कर लिया।

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यह इमारतें दूर से दिन और रात में भी काफी सुंदर दिखाई देती हैं। इनकी सुंदरता का अंदाजा आप इन तस्वीरों में लगा सकते हैं। सुनहरी, सफेद करीने से झांकती इनकी खिड़कियां इन्हें सुंदर बनाती हैं। इन इमारतों को यूनेस्को ने विश्व धरोहर के रूप में संरक्षित किया है।

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