राज्यसभा के रण में बुजुर्गों की जीत

राज्यसभा के रणनई दिल्ली। राज्यसभा के रण में सभी राजनीतिक पार्टियों के बुजुर्गों की जीत हुई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम और कपिल सिब्बल शनिवार को राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो गए। चिदंबरम जहां महाराष्ट्र से निर्वाचित हुए, वहीं सिब्बल उत्तर प्रदेश से निर्वाचित हुए। सिब्बल को यूपी में युवा प्रीति महापात्रा से कड़ी टक्कर मिल रही थी। राज्यसभा के रण में जयराम रमेश और आस्कर फर्नाडीस भी कर्नाटक से निर्वाचित हुए हैं।

पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता विजय तन्खा कांग्रेस के टिकट पर मध्य प्रदेश से निर्वाचित हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हरियाणा में उस समय झटका लगा, जब वहां भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा कांग्रेस समर्थित आर.के. आनंद के मुकाबले हार गए।

राज्यसभा के रण में छह राज्य

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, राजस्थान और हरियाणा में राज्यसभा की 27 सीटों के लिए शनिवार को मतदान हुआ था।राजस्थान में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू और वरिष्ठ भाजपा नेता ओम प्रकाश माथुर सहित भाजपा के सभी चारों उम्मीदवार राजस्थान से राज्यसभा के लिए शनिवार को निर्वाचित हो गए। 

केंद्रीय नेतृत्व के करीबी माने जाने वाले ओम प्रकाश माथुर, जिन्हें ओम माथुर के नाम से भी जाना जाता है, भाजपा के उपाध्यक्ष भी हैं। हर्षवर्धन सिंह और रामकुमार वर्मा भाजपा द्वारा उतारे गए नए चेहरे थे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और उद्योगपति कमल मोरारका कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी पार्टियों द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार थे, जिन्हें पराजित होना पड़ा। मतदान शनिवार सुबह हुआ और मतगणना शाम पांच बजे के बाद हुई।

वहीं, मध्‍यप्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए हुए चुनाव में दो भाजपा और एक कांग्रेस के खाते में गई है। भाजपा की ओर से अनिल माधव दवे व एम.जे. अकबर और कांग्रेस के विवेक तन्खा ने जीत दर्ज की है। जीत के बाद भाजपा और कांग्रेस द्वारा जश्न मनाया जा रहा है। राज्य में राज्यसभा के चुनाव काफी कसमकस भरे रहे, वैसे विधायकों की संख्या के आधार पर भाजपा के दो सदस्यों का चुना जाना तय था, वहीं एक निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन दिए जाने से कांग्रेस उम्मीदवार की राह कठिन हो गई थी। बसपा का समर्थन मिलने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार की भी जीत तय थी, मगर भाजपा की ओर से वह सारी कोशिशें अंत तक जारी रही जो जीत के लिए जरूरी होती हैं।

निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मतदान में 228 विधायकों ने हिस्सा लिया। 227 विधायकों ने प्रत्यक्ष तौर पर मतदान किया जबकि एक वोट पोस्टल बैलेट के जरिए हुआ।

निर्वाचन अधिकारी और विधानसभा के प्रमुख सचिव भगवान देव इसरानी ने कहा कि भाजपा के अनिल माधव दवे और एम.जे. अकबर को 58-58, कांग्रेस के विवेक तन्खा को 62 और विनोद गोटिया को 50 वोट मिले। इस तरह दवे, अकबर व तन्खा चुनाव जीत गए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा के विजयी प्रत्याशी दवे और अकबर को बधाई देते हुए कहा है कि बौद्घिक क्षमता के धनी अकबर का राज्यसभा में जाना राज्य और राष्ट्रहित के लिए हितकर होगा।

राज्यसभा का मतदान केंद्र अर्थात विधानसभा परिसर शनिवार की सुबह से ही गहमा गहमी का केंद्र बन गया था। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान व अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, मोहन प्रकाश, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव मतदान के दौरान डेरा डाले रहे।

कांग्रेस विधायकों ने शुक्रवार की रात एक होटल में गुजारी और शनिवार की सुबह एक साथ बस में सवार होकर विधानसभा पहुंचे हैं। मतदान शुरू होने के कुछ देर तक बसपा विधायक मतदान करने नहीं पहुंचे तो कई तरह के कयास लगाए जाने लगे थे, मगर लगभग 11 बजे बसपा के चारों विधायक एक साथ मतदान करने विधानसभा पहुंचे। चारों विधायकों ने एक स्वर में सवाददाताओं से कहा कि वे मतदान तन्खा के समर्थन में ही करेंगे।

राज्य विधानसभा में कुल 230 सदस्य है, इनमें से एक की गुरुवार की रात को सड़क हादसे में मौत हो गई है, वहीं एक विधायक को सर्वोच्च न्यायालय ने मतदान में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी है। इस तरह कुल 228 विधायक ही मतदान में हिस्सा ले सके।

राज्य की राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चार उम्मीदवार मैदान में थे इसलिए मतदान हुआ। मतदान विधानसभा भवन के समिति कक्ष दो में सुबह नौ बजे से चार बजे तक चला और पांच बजे मतगणना शुरू हुई और देर शाम नतीजे घोषित कर दिए गए।

चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद से भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता जश्न मना रहे हैं, जगह-जगह पटाखे फोड़े जा रहे हैं, मिठाइयां बट रही हैं और बैंडबाजों की धुन पर थिरक रहे हैं।

 

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