आसियान, चीन के बीच दक्षिण चीन सागर पर आचार संहिता को लेकर चर्चा
नई दिल्ली| दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के नेताओं और चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने बुधवार को दक्षिण चीन सागर के रास्ते व्यापार के लिए प्रस्तावित आचार संहिता पर विचार-विमर्श किया। समचार एजेंसी ‘एफे’ के मुताबिक, आचार संहिता का पहला मसौदा अगले साल तक तैयार हो सकता है, जबकि इसपर 2021 से अमल होगा। इससे चीन और 10 देशों के क्षेत्रीय संगठन आसियान के बीच व्यापार व क्षेत्रीय विवादों को लेकर मतभेद दूर होगा।
सिंगापुर में आयोजित सालाना आसियान शिखर सम्मेलन में बातचीत के दौरान संगठन के नेताओं और ली केकियांग ने दुनिया के व्यस्ततम जलमार्गो में शुमार विवादित दक्षिण चीन सागर में शांति व स्थिरता बनाए रखने के लिए नियमावली तय करने पर विचार-विमर्श किया।
चीन और आसियान के कुछ सदस्य दक्षिण चीन सागर के द्वीपों पर क्षेत्रीय दावा पेश करते हैं।
ली ने कहा कि नियमावली से क्षेत्रीय संगठन और चीन के बीच व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी।
फिलीपींस के राष्ट्रपति रॉड्रिगो दुतेर्ते ने कहा कि वह इस प्रस्ताव का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि आचार संहिता जरूरी है।
आसियान और चीन के बीच मुक्त व्यापार क्षेत्र संधि को अपग्रेड करने पर भी बातचीत हुई। इस संधि पर 2002 में नोमपेन्ह में हस्ताक्षर किए गए थे और संधि 2010 से लागू हुई।
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संधि का मकसद चीन और आसियान में शामिल मलेशिया, इंडोनेशिया, ब्रुनेई, वियतनाम, कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड और फिलीपींस के बीच मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाना था।
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दक्षिण-पूर्वी एशिया में तनाव के प्रमुख कारणों में क्षेत्रीय तकरार है, जो बीजिंग द्वारा विशेष रूप से कई विवादित छोटे-छोटे द्वीपों और चट्टानों पर बुनियादी ढांचा निर्माण किए जाने और सैनिक अड्डे बनाए जाने के कारण पैदा हुआ है।