40 साल पुराना पुल हुआ जर्जर, चेतावनी का बोर्ड लगाकर सो रहा प्रशासन
रिपोर्ट- राजन गुप्ता
मिर्जापुर। मिर्जापुर को वाराणसी और संत रविदास नगर से जोड़ने वाला एकमात्र गंगा नदी पर बना शास्त्री सेतू के निर्माण का 40 वर्ष से अधिक पुराना हो जाने की वजह से कमजोर हो गया है। यह लोक निर्माण विभाग ने अपनी जांच में पाया इसकी जर्जर दशा को देखते हुए विभाग ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दे दी थी।
इसके बाद हरकत में आए जिला प्रशासन में शास्त्री सेतु के दोनों एक वैधानिक चेतावनी लिखा बोर्ड लगवा दिया है जिस पर साफ-साफ लिखा है कि इस पुल के ऊपर 6 छह चक्के और 16 – 20 टन से अधिक भार की गाड़ियां नही गुजर सकते हैं।
परंतु इस वैधानिक चेतावनी की किसी को भी परवाह नही है। इसे नजरअंदाज कर भारी भरकम गाड़ियां दिन रात 24 घंटे बगैर किसी रोक-टोक के धड़ल्ले के साथ इस सेतु से फर्राटे मारते हुए गुजर रहे हैं।
मजे की बात है यह है कि सेतु के दोनों पुलिस की ड्यूटी भी रहती है परंतु शायद ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को इसकी परवाह नहीं है कि कौन से वाहन इस पर आ – जा रहे हैं।
जहां एक ओर वाराणसी में निर्माणाधीन पुल हादसे के बाद उस मार्ग पर आवागमन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया , वही मिर्जापुर के जर्जर पुल पर वैधानिक चेतावनी का वोर्ड तो लगा दिया गया है परंतु उसका पालन बिल्कुल भी नहीं किया जा रहा है। शायद जिला प्रशासन को यहां भी हादसे का इंतजार है।
यह भी पढ़े: कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लगाया पोस्टर, ‘गाली के बदले गले लगाना ही जनेऊधारी का संस्कार’
इस संबंध में सीओ यातायात ने बताया कि लोक निर्माण विभाग से इस जर्जर पुल के बारे में रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद पूल के दोनों ओर वैधानिक चेतावनी का बोर्ड लगा दिया गया है और अगर इसके बावजूद भी यहां से भारी भरकम गाड़ियां गुजरती हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अक्सर देखा जाता है की कोई हादसा या घटना हो जाने के बाद अधिकारी नींद से जागते हैं और तमाम खोजबीन और जांच शुरू कर दी जाती है शायद मिर्जापुर जिला प्रशासन को भी किसी हादसे का ही इंतजार है तभी तो चेतावनी का बोर्ड लगाकर अपने कर्तव्य को पूरा समझ बैठे हैं।