
रिपोर्ट- संजय मणि त्रिपाठी
मुरादाबाद। सरकार के लाख चाहने के बावजूद भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मुरादाबाद में शादी अनुदान योजना में फर्जी आख्या लगाकर अपात्रों को शादी अनुदान का पैसा दिलाया गया। उप जिलाधिकारी सदर ने शादी अनुदान योजना में फर्जी रिपोर्ट देने पर 2 लेखपालों को निलंबित कर दिया है। एसडीएम ने अपने आदेश में कहा है कि दोनों लेखपालों द्वारा दी गई झूठी आख्या के आधार पर दो अपात्रों को शादी अनुदान के 20-20 हजार रुपये दे दिए गए। स्थानीय निरीक्षण में पता चला कि लेखपाल ने शादी की जो तारीख बताई थी उन तारीखों में आवेदकों की शादी हुई ही नहीं थी। अनुदान पा चुके दोनों आवेदक विभागीय जांच में अपात्र पाए गए।
एसडीएम ने अपने आदेश में कहा है कि शादी अनुदान योजना के लाभार्थी सुषमा निवासी नया गांव का स्थली सत्यापन कराया गया तो पता चला कि लेखपाल रविंद्र पाल सिंह राठी ने सुषमा की बेटी रजनी के विवाह की झूठी आख्या दी। लेखपाल ने रिपोर्ट में रजनी की शादी की तारीख 8 मई 2017 बताई थी जबकि स्थली सत्यापन में या झूठ निकला।
नायब तहसीलदार की जांच में सुषमा को अपात्र पाया गया इसमें पहले स्तरीय समिति लेखपाल की आख्या के आधार पर पात्र मानकर सुषमा की शादी अनुदान के 20000 रूपये का भुगतान उसके बैंक खाते में कर चुकी है।
एसडीएम ने राजकीय धन की छति के आरोप में रविंद्र सिंह राठी को निलंबित कर रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय संबंध कर दिया है।
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दूसरा मामला लेखपाल तस्लीम अहमद से जुड़ा है। एसडीएम शादी अनुदान पाने वाले लाभार्थी विनोद की पुनः जांच कराई तो लेखपाल तस्लीम की रिपोर्ट झूठी निकली। लेखपाल ने अपनी रिपोर्ट में विनोद की बेटी गीता की शादी 21 जनवरी 2018 को होना बताया था।जांच में पता चला इस तारीख में गीता का विवाह हुआ ही नहीं। लेखपाल की झूठी रिपोर्ट की बुनियाद पर विनोद को 20000 रूपये का भुगतान किया जा चुका है। एसडीएम ने झूठी रिपोर्ट देने वाले लेखपाल तस्लीम को निलंबित कर दिया है दोनों मामलों की जांच तहसीलदार को सौंपी है।