श्री श्री का फार्मूला नहीं आया काम, लखनऊ में मस्जिद पर अड़ा वक्फ बोर्ड

लखनऊ। अयोध्या विवाद के मुद्दे पर श्रीश्री रविशंकर के प्रस्ताव ‘आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट’ को शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने ख़ारिज कर दिया है। शिया बोर्ड का कहना है कि वह बैठक में लिए गए अपने फैसले पर बना हुआ है। इसमें किसी भी प्रकार के बदलाव नहीं किये जायेंगे।

श्रीश्री का फार्मूला

शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड आज एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा है कि बोर्ड ने बहुमत के साथ यह फैसला लिया है कि मस्जिद ए अमन को लखनऊ ही लाया जाए। साथ ही उनका कहना है कि इस फैसले में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जायेगा।

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शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड का फैसला साफ़ है कि वहां से बाबरी मस्जिद हटाई जानी चाहिए और 14 कोसी परिक्रमा के भीतर कोई मस्जिद का निर्माण नहीं होना चाहिए।

शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी के मुताबिक श्रीश्री रविशंकर ने जो फार्मूला मीडिया सामने रखा था उसे शिया वक्फ बोर्ड किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं कर सकता है। शिया वक्फ बोर्ड ने जो फैसला लिया है कि मस्जिद ए अमन अयोध्या के बजाय लखनऊ में बनाया जाए उस पर ही अडिग है।

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने बैठक में यह फैसला लिया था कि हिन्दू और मुसलमान में किसी भी तरह से कोई मनभेद न हो, इसके लिए बाबरी मस्जिद का का नाम बदलकर मस्जिद-ए-अमन कर दिया जाये और उसे अयोध्या में नहीं बल्कि लखनऊ में बनवाया जाये।

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बता दें कि पिछले वर्ष 13 नवंबर को श्री श्री रविशंकर ने कहा था कि वह अपनी ओर से मंदिर विवाद में मध्यस्थता करने को लेकर अयोध्या जाएंगे और सभी पक्षकारों से मिलेंगे। उन्होंने कहा था कि मेरा इस मुद्दे पर कोई एजेंडा नहीं है, लेकिन मैं अपनी अयोध्या यात्रा के दौरान सभी की बातों पर ध्यान दूंगा और मामले को हल करने की कोशिश करूंगा।

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