रोहिंग्या मामले पर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

नई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एक याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा, जिसमें आरोप लगाया गया है कि बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) रोहिंग्या शरणार्थियों को भारत आने से रोक रहा है।

सर्वोच्च न्यायालय

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण की शिकायत पर केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है, जिसमें शिकायत दर्ज की गई है कि बीएसएफ म्यांमार सीमा को पार करनेवाले शरणार्थियों पर ‘मिर्ची पाउडर छिड़कर’ उन्हें भारत आने से रोक रहा है।

सर्वोच्च न्यायालय ने मांगा जवाब

केंद्र सरकार की तरफ से अदालत में पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता तुषार मेहता ने अदालत से गुजारिश की कि उसे इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए, क्योंकि “संवैधानिक अधिकार प्राप्त अधिकारी इस मामले को देख रहे हैं तथा स्थिति से निपटने की कूटनीतिक प्रक्रिया चल रही है।”

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की तरफ से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रह्मण्यम ने शुरू में अदालत से कहा कि एनएचआरसी को केवल भारत में उपस्थित रोहिंग्या शरणार्थियों की चिंता है और वे मेहता के समर्थन में हैं।

इस मामले की अगली सुनवाई सात मार्च को होगी।

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