कोयला घोटाला: झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा समेत चार दोषी करार
नई दिल्ली: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता समेत अन्य के खिलाफ दर्ज कोयला घोटाले के एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत दोषी माना है। हालांकि सजा का ऐलान कल होगा। कोड़ा पर आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी और अपने पद का दुरुपयोग करने के आरोप हैं। मामले में कोड़ा को आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
सीबीआई कोर्ट ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एसची गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु और एक अन्य को आपराधिक साजिश और सेक्शन-120 बी, 420 और धारा 409 के तहत दोषी करार दिया है।
सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश भरत पराशर ने बुधवार को सभी आरोपियों को फैसला सुनाए वक्त अदालत में मौजूद रहने का आदेश दिया था।
यह मामला झारखंड में राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक को कोलकाता की विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआईएसयूएल) को आवंटित करने में कथित अनियमिताओं से संबंधित है।
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कोड़ा, गुप्ता और कंपनी के अलावा, मामले में अन्य आरोपी झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव ए के बसु, दो लोक सेवक बसंत कुमार भट्टाचार्य, बिपिन बिहारी सिंह, वीआईएसयूएल के निदेशक वैभव तुलस्यान, कोड़ा के कथित करीबी सहयोगी विजय जोशी और चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान शामिल हैं।
छह दिसंबर के लिए अदालत ने आठ आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया था जिसके बाद वह कोर्ट में पेश हुए। इसके बाद अदालत ने सभी को जमानत दे दी। अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी ( आपराधिक साजिश), 420 ( धोखाधड़ी) 409 ( सरकारी कर्मियों द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और भ्रष्टाचार की रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले का संज्ञान लिया था और इसके बाद उन्हें आरोपी के तौर समन किया गया था।
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इस मामले की जिरह के दौरान सीबीआई ने कहा था कि कंपनी ने आठ जनवरी 2007 को राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक के आवंटन के लिए आवेदन किया था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने वीआईएसयूएल को कोयला खंड आवंटन करने की अनुशंसा नहीं थी बल्कि 36वीं अनुवीक्षण समिति (स्क्रींनिग कमेटी) ने आरोपित कंपनी को खंड आवंटित करने की सिफारिश की थी।
सीबीआई ने कहा कि अनुवीक्षण समिति के अध्यक्ष गुप्ता ने कोयला मंत्रालय का प्रभार भी देख रहे तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कथित तौर पर इन तथ्यों को छुपाया कि झारखंड सरकार ने वीआईएसयूएल को कोयला ब्लॉक आवंटन करने की सिफारिश नहीं की थी।
एजेंसी ने कहा कि कोड़ा, बसु और दो आरोपी लोकसेवकों ने वीआईएसयूएल को कोयला ब्लॉक आवंटित करने के पक्ष में साजिश रची। आरोपियों ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज किया।