देश में ही नहीं विदेशों में भी धूम मचा रहा इलाहाबादी अमरुद

इलाहाबादी अमरुदइलाहबाद। उत्तरप्रदेश का शहर इलाहाबाद अगर एक तरफ तीन नदियों के संगम के लिए जाना जाता है इसकी दुसरी पहचान है यहां के अमरूदों की विशेषता ये है कि ये सेव जैसे लाल होते हैं और इनका स्वाद भी आम अमरूदों से बिल्कुल अलग होता है। इलाहाबादी अमरुद जो अपने स्वाद और मिठास की वजह से दुनिया के कई देशो में भी निर्यात किया जाता है।

सर्दियों का मौसम आते ही इलाहाबादी अमरुद के बाजार में आने से रौनक बढ़ गई है। इलाहाबादी अमरूदों के शौकीन खरीदारों की भीड़ भी अमरूद की दुकानों पर उमड़ रही है। संगम नगरी इलाहाबाद अमरूदों के लिए पूरे देश व दुनिया में मशहूर है।

यहां के सेबिया, सफेदा और अन्य वैराइटी के अमरूदों की महक पूरे देश के कोने-कोने के साथ ही विदेशों तक में भी फैली हुई है। हर साल नवम्बर से लेकर फरवरी तक अमरूदों का सीजन रहता है। इस बार भी अमरूद बाजार में आ चुके हैं।

अमरूद खाने के शौकीन इन अमरूदों की खरीददारी में जुटे हैं। अमरूद न सिर्फ एक फल के रुप में खाया जाता है। बल्कि इसके औषधीय गुणों को देखते हुए इससे मुरब्बा, जेली और अचार भी तैयार किए जाते हैं।

लोग इन अमरूदों को अपने खाने के लिए तो खरीद ही रहे हैं। साथ ही बाहर रहने वाले रिश्तेदारों के लिए भी इस सीजन का अमरूद खरीद कर भेज रहे हैं।

इलाहाबाद में अमरूदों का करोड़ों रूपए का सालाना से ज्यादा का कारोबार होता है। जिसमें से अकेले सेविया अमरूदों का कारोबार कई करोड़ों का होता है। इस बार के दुकानदारों का कहना है कि इस बार अमरुद की फसल अच्छी है।

मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी भी अपनी शायरी के माध्यम से इलाहाबाद के अमरूद की प्रशंसा कुछ यूं करते हैं, ‘कुछ इलाहाबाद में समां नहीं बहबूद के, यह धरा क्या है बजुज़ अकबर औ अमरूद के।’

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