
नई दिल्ली। भारत में पब्लिक प्रोविडेंट फंड निवेश के लिए एक लोकप्रिय विकल्प है। इसके लोकप्रिय होने की बड़ी वजह यह है कि इसमें मिलने वाला आकर्षक रिटर्न और इसके साथ ही यह पूरी तरह से सेफ भी मानी जाती है। वित्त मंत्रालय के नए पीपीएफ नियमों ने इसको और भी ज्यादा आकर्षक बना दिया है। इस नियम के अनुसार अब आप तय समय से पहले ही अपने पीपीएफ खाते को बंद कर पाएंगे।
तय समय से पहले इन खातों को बंद करने के लिए कुछ शर्तें वित्त मंत्रालय ने तय की है। इन नियमों के अनुसार आपका पीपीएफ खाता कम से कम पांच साल पुराना होना चाहिए।
यदि परिवार में किसी आश्रित को कोई गंभीर बीमारी हो जाए और उसका इलाज कराने के लिए पैसे की आवश्यकता हो, तो आप अपना पीपीएफ खाता बंद कर सकते है।
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अब उच्च शिक्षा के लिए भी खाताधारक के पास विकल्प है कि वह अपना पीपीएफ खाता बंद कर सकता है।
निर्धारित समय से पहले खाताधारक को यदि अपना खाता बंद करना हो, तो उसे एक लिखित आवेदन पत्र देना होता है, जिस पर खाता बंद करने का कारण भी लिखना अनिवार्य है।
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खाते को बंद करने के लिए बताए गए कारण से संबंधित दस्तावेज भी प्रस्तुत करने होंगे। जैसे- यदि उच्च शिक्षा के लिए बंद कराना है, तो शिक्षा का विवरण, फीस से संबंधित कागज, बिल व दाखिले के दस्तावेज। जमा किए गए दस्तावेजों का वेरिफिकेशन होने के बाद खाता बंद करने का ऐप्लिकेशन स्वीकार किया जा सकता है। हालांकि, पीनल अमाउंट दिए जाने वाले अमाउंट में से काटा जाता है। इसका आकलन खाता खुलने की तारीख से प्री-मेच्योर क्लोजर की तारीख तक होता है। यह अमाउंट इंट्रेस्ट रेट्स में से एक फीसदी कम इंट्रेस्ट के रूप में होता है।