
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इन दिनों विधानसभा चुनाव के साथ-साथ एक नाम और चर्चा का विषय बना हुआ है और वो है समाजवादी पार्टी के नेता गायत्री प्रसाद प्रजापति का। अमेठी से विधानसभा प्रत्याशी व परिवहन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को मिली ‘वाई श्रेणी की सुरक्षा गुरुवार को अनौपचारिक रूप से हटा ली गई। अभी तक गायत्री के साथ-साथ उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मी भी गायब थे। मामले को तूल पकड़ता देख वाई श्रेणी की सुरक्षा के तहत तैनात पुलिस कर्मी गुरुवार को नाटकीय ढंग से लौट आए। इन पुलिस कर्मियों ने पुलिस लाइन में आमद दर्ज करा ली है।
गायत्री को मिली जिला स्तर की सुरक्षा पहले ही हटा ली गई थी। इसी के साथ ही गायत्री पर पुलिस का शिकंजा कसने लगा है। मामले की विवेचना अधिकारी सीओ अमिता सिंह ने दिल्ली एम्स में भर्ती रेप पीड़िता की बेटी के बयान भी दर्ज कर लिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 18 फरवरी को गौतमपल्ली थाने में पीड़िता की तहरीर पर गायत्री प्रजापति और उनके साथियों अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चन्द्रपाल, रूपेश व आशीष शुक्ल के खिलाफ गैंगरेप व यौनशोषण का मुकदमा दर्ज किया गया था।
इस मुकदमे की विवेचना सीओ आलमबाग अमिता सिंह कर रही हैं। पीड़िता के कलमबंद होने के बाद ही गायत्री प्रजापति की मुसीबत बढ़ गई। उनकी तलाश में कई जगह छापे मारे गए। वह बयान के लिए भी नहीं आए, उल्टे 25 फरवरी को अमेठी में मतदान के बाद से वह गायब हो गए। उनकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी भी गायब थे। पुलिस लाइन के अधिकारी इन पुलिस कर्मियों से संपर्क करने का प्रयास कर रहे थे लेकिन सभी के मोबाइल स्विच ऑफ थे। गुरुवार को सभी ने पुलिस लाइन में आमद करा ली।
सुरक्षा कर्मियों का तर्क है कि.. जब गायत्री हैं ही नहीं तो सुरक्षा किसकी करें, इसलिए वे वापस लौट आए। आईजी एसटीएफ रामकुमार ने बताया कि गायत्री प्रजापति को मिली जिला स्तर की सुरक्षा हटाई जा चुकी है। वाई श्रेणी की सुरक्षा हटाए जाने के सम्बंध में शासन स्तर पर विचार चल रहा है।गिरफ्तारी वारंट लेगी पुलिस रेप पीड़िता व उसकी बेटी का बयान दर्ज होने के साथ ही गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी की संभावना प्रबल होती जा रही है।