बेशक लोग इन्हें नाम से नहीं पहचानते होंगे, लेकिन तस्वीर देखते ही जरूर कह उठेंगे, ‘अरे ये तो वही बिल्ला है।’ सुभाष घई की फिल्म ‘हीरो’ में निभाए बिल्ला नाम के विलेन के किरदार ने माणिक ईरानी को एक नया ही नाम दे दिया था। हालांकि इससे पहले माणिक ने और भी विलेन के किरदार निभाए थे, लेकिन उन्हें नई पहचान मिली फिल्म ‘हीरो’ से।
माणिक ईरानी का अपना ही एक अलग अंदाज था। उनका लुक ऐसा था कि कोई भी देखकर डर जाए और उस पर माणिक की जानदार डायलॉग डिलिवरी। स्क्रीन पर माणिक के आते ही दहशत फैल जाती थी। लोग उन्हें ऐसे देखते थे मानों किसी सुपरस्टार को देख रहे हों।
माणिक ने 1974 में गुंडे के किरदार से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने ‘कालीचरण’, ‘त्रिशूल’, ‘मिस्टर नटवरलाल’, ‘शान’, ‘कसम पैदा करनेवाले की’ जैसी कई फिल्मों में काम किया। सुभाष घई की फिल्म ‘कालीचरण’ में माणिक ने गूंगे विलेन का रोल प्ले किया और इसमें वो अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे।
इस तरह माणिक ईरानी ने 80 और 90 के दशक में विलेन के रोल में राज किया और अपना खौफ काबिज रखा, लेकिन ये खौफ अचानक ही धूमिल हो गया । जब माणिक ईरानी ने शराब के नशे में खुद को डुबो लिया और एक दिन इस दुनिया से चल बसे। माणिक ईरानी की मौत कैसे हुई, किसी को भी पता नहीं।
कुछ लोगों का कहना है कि ज्यादा शराब पीने की वजह से उनकी मौत हो गई । वहीं ये भी कहा जाता है कि माणिक ईरानी ने आत्महत्या की, लेकिन इन खबरों में कितनी सच्चाई है ये नहीं पता । इतना जरूर सच है कि माणिक ईरानी को अब फिल्म इंडस्ट्री पूरी तरह से भूल चुकी है। ग्लैमर की दुनिया का यही सबसे कड़वा सच है। यहां तब तक लोग आपको सलाम ठोकते हैं जब तक आप सफलता के आसमां में चमकते हैं, लेकिन ढलते ही लोग आपको भूल जाते हैं।