70 प्रतिशत लोगों में होती है इस विटामिन की कमी, जानिए इसके स्त्रोत
लखनऊ। विटमिन डी की कमी से भूलने का जोखिम बढ़ सकता है। एक रिसर्च के अनुसार, विटमिन डी की अधिक कमी वाले लोगों में डिमेंशिया होने की संभावना 122 प्रतिशत अधिक होती है।
देश में लगभग 65 से 70 प्रतिशत भारतीयों में इस विटमिन की कमी है। विटमिन डी शरीर की लगभग हर कोशिका को प्रभावित करता है। यह सूर्य के प्रकाश में रहने पर त्वचा में उत्पन्न होता है और कैल्शियम के अवशोषण तथा हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
विटमिन डी का लेवल कम होने पर हड्डियों को नुकसान पहुंचता है। हालांकि, यह विटमिन दिल, मस्तिष्क और प्रतिरक्षा तंत्र के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। विटमिन डी 2 हमें खाद्य पदार्थों से मिलता है, जबकि विटमिन डी 3 सूर्य की रोशनी पड़ने पर हमारे शरीर में उत्पन्न होता है। दोनों विटमिन हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। रोजाना सूर्य की रोशनी में दस मिनट खड़े रहने पर भी पर्याप्त मात्रा में विटमिन डी हमारे शरीर को प्राप्त हो जाता है। इसके अलावा अन्य स्रोत्र भी है।
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विटामिन डी के स्त्रोत:
कॉड लिवर ऑयल
यह तेल कॉड मछली के यकृत से प्राप्त होता है और सेहत के लिए बेहद अच्छा माना जाता है। इससे जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद मिलती है और इसे कैप्सूल या तेल के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।
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मशरूम
यदि आपको मशरूम पसंद हैं, तो आपको विटमिन डी भरपूर मिल सकता है। सूखे मशरूम विटमिन डी 3 के साथ-साथ विटमिन बी के भी शानदार स्रोत हैं। इनमें कम कैलोरी होती है और इन्हें जब चाहे खाया जा सकता है।
सूरजमुखी के बीज
इनमें न केवल विटमिन डी 3, बल्कि मोनोअनसैचुरेटेड वसा और प्रोटीन भी भरपूर होता है।