उत्तर प्रदेश के 17 जिले बाढ़ की चपेट में, 9 और लोगों की हुई मौत
उत्तर प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में नौ और लोगों की मौत हो गई। 698 गांव बाढ़ की चपेट में, 10 लाख लोग प्रभावित। राहत कार्य जारी है।
पिछले 24 घंटों में उत्तर प्रदेश के आठ जिलों में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम नौ और लोगों की मौत हो गई, जबकि राज्य में उक्त अवधि के दौरान 7.4 मिमी बारिश हुई। मरने वालों में सात लोग डूब गए, एक की मौत बिजली गिरने से हुई और एक की मौत मानव-पशु संघर्ष में हुई। सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, एटा, महोबा, प्रतापगढ़, बहराइच और संभल में एक-एक और बरेली में दो लोगों की मौत की खबर है। राज्य राहत आयुक्त कार्यालय की शनिवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि आजमगढ़ में एक व्यक्ति की मौत बिजली गिरने से हुई, जबकि बहराइच में एक व्यक्ति की मौत मानव-पशु संघर्ष के कारण हुई तथा शेष की मौत डूबने से हुई।
राज्य में 698 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। राहत आयुक्त कार्यालय की बाढ़ निगरानी रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 646 गांवों में मानव जीवन और खेती दोनों प्रभावित हुई है, जबकि 52 अन्य गांव वर्तमान में कटाव का सामना कर रहे हैं। बाढ़ के कारण कुल 10 लाख ग्रामीण आबादी प्रभावित हुई है। 526 गांवों में राहत कार्य भी चल रहा है और अब तक करीब 943 बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।
सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के नौ जिलों में राप्ती, घाघरा, रामगंगा, कुन्हारा और रोहिणी नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इन जिलों में सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, गोंडा, महाराजगंज, शाहजहाँपुर शामिल हैं। 150 गांवों में मुख्य सड़क से गांव का संपर्क मार्ग टूट गया है। कुल 1,273 गांव इस समय इसी समस्या से जूझ रहे हैं। विभिन्न जिलों में बारिश और राप्ती, घाघरा, बूढ़ी राप्ती और कुवानो नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण उत्तर प्रदेश के 17 जिलों में बाढ़ आ गई है।
प्रभावित जिलों में पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बलरामपुर, कुशीनगर, शाहजहांपुर, बाराबंकी, सीतापुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बलिया, गोरखपुर, बरेली, आजमगढ़, हरदोई और अयोध्या शामिल हैं।