चित्रा के सुरों के तार से मिलेगी उनके सपनों के पंखो को उड़ान

चित्रा सिंहमुंबई : 90  के दशक के मशहूर गजल गायक स्वर्गीय जगजीत सिंह ने अपनी गज़लों से सभी के दिलों पर राज किया है. जगजीत सिंह की पत्नी चित्रा सिंह अपने वक्त की मशहूर गजल गायिका रह चुकी है. इनकी गजल ‘ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो, भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी, मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन, वो कागज की कश्ती, वो बारिश का पानी’ आज भी लोगों में पसंद की जाती है.

गायिका सिंह ने 1990 के बाद से कोई भी ग़ज़ल नहीं गई है। साल 1990 में जगदीश और चित्रा ने अपने जवान बेटे को एक कार  हादसे में खो दिया जिसके बाद से चित्रा ने गजल गाना छोड़ दिया था. उनकी लास्ट एल्बम होप है. लेकिन उन्होंने पति और मशहूर गजल गायक स्वर्गीय जगजीत सिंह के लिए भारत सरकार से भारत रत्न की मांग की है.

जिसके लिए वो 27 साल बाद एक बार फिर से वह मंच पर वाराणसी से कर रही हैं. 15 अप्रैल को संकट मोचन मंदिर में हो रहे संगीत समारोह में वो सभी के बीच अपनी मधुर आवाज का जादू बिखेरेंगी.

गायिका चित्रा सिंह का मंच पर आना एक बड़ी बात होगी. साथ ही यह भी माना जा रहा है कि चित्रा पति जगजीत सिंह के लिए भारत रत्न की मांग करेंगी. वाराणसी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र हैं और वहा संकट मोचन मंदिर में 15 से 20 अप्रैल तक संगीत समारोह का आयोजन हो रहा है. ये आयोजन 11 अप्रैल को हनुमान जयंती के पावन मौके से शुरू होगा. जिसमे चित्रा भी सिरकत करेगी. माना जा रहा है कि वो एक बार फिर गायक स्वर्गीय जगजीत सिंह के लिए भारत सरकार से भारत रत्न देने की मांग करेगी.

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