हैदराबाद मेट्रो परियोजना की लागत में 30 फीसदी से ज्यादा इजाफा

हैदराबाद मेट्रो परियोजनानई दिल्ली| ऐसा कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग क्षेत्र की बड़ी कंपनियों में शुमार लारसन टूब्रो ने हैदराबाद मेट्रो परियोजना को पूरा करने के लिए दो साल से ज्यादा अवधि देने की मांग की है। उद्योग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक विलंब होने से परियोजना की लागत 14,132 करोड़ रुपये से बढ़कर अनुमानित 18,800 करोड़ रुपये हो गई है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में दुनिया की सबसे बड़ी मेट्रो रेल परियोजना के रूप में घोषित यह परियोजना 2012 में शुरू हुई थी और इस पर 14132 करोड़ खर्च होना था। अब इसकी लागत में 4,600 करोड़ रुपये का इजाफा हो गया है।

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हैदराबाद में शनिवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस में तेलंगाना के शहरी विकास मंत्री के. टी. रामा राव और एल एंड टी के अधिकारियों ने लागत में बढ़ोतरी की पुष्टि की लेकिन उन्होंने इस संबंध में बढ़ी हुई राशि नहीं बताई और न ही इसपर कोई टिप्पणी की। उनका कहना था कि वे बातचीत के जरिये मसले को हल करने की कोशिश में हैं।

परियोजना की लागत में बढ़ोतरी को लेकर एल एंड टी को भेजे गए लिखित सवाल का भी खबर लिखे जाने तक कंपनी की ओर से नहीं मिला।

सूत्रों के मुताबिक 72 किलोमीटर लंबी इस परियोजना, जिसमें 66 स्टेशन हैं, अप्रैल 2016 तक पूरी होनी थी, लेकिन अब इसका काम तीन चरणों में पूरा होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परियोजना के पहले चरण में 24 स्टेशनों के साथ 30 किलोमीटर मेट्रो लाइन का उद्घाटन 28 नवंबर को करेंगे।

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सूत्रों के मुताबिक तेलंगाना सरकार एल एंड टी को इस परियोजना को पूरा करने के लिए आगे नवंबर 2018 तक का समय देने के लिए सहमत हो गई है।

हैदराबाद मेट्रो रेल परियोजना के लिए वित्तीय समापन अप्रैल 2011 में प्राप्त की गई थी और परियोजना को पूरा करने के लिए पांच साल की अवधि तय की गई थी।

सूत्रों के मुताबिक इस परियोजना के दूसरा चरण का काम निर्धारित समय से 31 महीने पीछे चल रहा है और 6 किलोमीटीर के तीसरे व अंतिम चरण का अभी निर्णय होना बाकी है।

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