लगून की रंगीन दुनिया को खुद में समेटे लक्षद्वीप

हिंद महासागरनई दिल्ली :  लक्षद्वीप भारत के दक्षिण-पश्चिम में हिंद महासागर में मौजूद एक भारतीय द्वीप-समूह है। सभी प्रदेशों में लक्षद्वीप सब से छोटा है और इसकी राजधानी कवरत्ती है। इस राज्‍य में जिलों की संख्‍या मात्र 1 है और यहॉ की राजकीय भाषा मलयालम है। देश में लक्षद्वीप ही ऐसी जगह है जहां पर्यटक धरती की सुंदरता देखने के साथ-साथ लगून की रंगीन दुनिया में भी जा सकते हैं।

लक्षद्वीप में अगर पानी जमकर बरसता है, तो सूरज की किरणें भी भरपूर चमकती हैं। यहां के हर द्वीप से सूर्यादय और सूर्यास्त का रंगीन नजारा देखा जा सकता है। सूर्यास्त के समय लगून पर डूबते सूरज की किरणों के अनोखे रंग अद्भुत पैदा करते हैं।

सूर्योदय के समय हरे-नीले पानी में सुनहरी रेत और उस पर नारियल के झुण्ड। काफी हल्की भी हो जाती हैं। जिस तरफ लहरें हल्की होती हैं और द्वीप का एक बड़ा हिस्सा पानी में डूबा होता है, यह लगून कहलाता है।

लक्षद्वीप को एक पर्यटन स्थल के रूप में सफलता दिलाने और उसका समर्थन करने का एक प्रमुख कारक स्वयं यहाँ की प्रकृति है।

बंगारम द्वीप

बंगारम लक्षद्वीप द्वीप-समूह का एक भाग है। आँसू के आकार के इस द्वीप में चारों ओर क्रीम रंग की रेत बिखरी है। कुछ व्यंजन जिन्हें आपको यहां पर खाना चाहिए जैसे- ओक्टोपस फ्राई, शाकाहारियों को सेम करी और नारियल चावल खाना चाहिए। यहाँ तक कि शाम का नाश्ता लजीज और मीठा मिश्रित होता है।

कदमात द्वीप

यदि आप एक फोटोग्राफर हैं, तो आप यहां की कैमरे से फोटो खींचनें के लिए मजबूर हो जाएंगे। खाड़ी की सुन्दरता देखकर आपकी आँखों के आनन्द का अनुभव बढ़ जाएगा। इन खूबसूरत प्राकृतिक खाड़ियों में एकांत की खोज की जा सकती है। इस द्वीप के पूर्वी हिस्से में एक बड़ी खाड़ी है जो कम प्रवाह में सूख जाती है और यहाँ चांदी के रंग के मूँगे चमकते हुए देखे जा सकते हैं।

कैनोइंग

चूँकि इस द्वीप के चारों ओर पानी ज्यादा मात्रा में स्पष्ट रूप से फिरोज़ी रंग में देखा जा सकता है, यह मालदीव के करीब भी है, इसलिए यहाँ विभिन्न गतिविधियाँ होती हैं। कैनोइंग एक ऐसी गतिविधि है जिससे आपको विभिन्न प्रकार के कछुए, मूँगे और रंगीन मछलियां एक पंक्ति में दिख सकती हैं। क्योंकि द्वीप के चारों ओर पानी की गहराई केवल 2 मीटर है, अतः आप निश्चित रूप से पानी में नहीं गिरेंगे।

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