हत्या नहीं बल्कि आत्महत्या थी अनीता की मौत, झूठी साबित हुई सूडा निदेशक उमेश सिंह पर दर्ज FIR
रिपोर्ट- शिवा शर्मा/लखनऊ
लखनऊ के कोतवाली चिनहट इलाके में सूडा निदेशक उमेश प्रताप सिंह पर दर्ज कराई गई एफआईआर फर्जी साबित हुई है. विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट, परिजनों और नौकरो से पूछताछ के बाद पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची है की अनीता की मौत हत्या नहीं बल्कि खुदख़ुशी थी। इस खुलासे के बाद सूडा के निदेशक पर दर्ज रिपोर्ट को अब ख़ारिज किये जाने की क़ानूनी तैयारी पुलिस ने शुरू कर दी है।
बीते एक सितम्बर को चिनहट के विकल्पखंड 3 में रहने वाले सूडा के निदेशक आईएएस अधिकारी उमेश प्रताप सिंह की 42 वर्षीय पत्नी अनीता सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी.
पुलिस की मामले में मृतका के परिजनो के द्वारा घटना के पीछे की वजह डिप्रेसन बताई गई थी। घटना में उस वक्त नया मोड़ आया था जब पांच दिन बाद मृतका के चचेरे भाई अधिवक्ता राजीव सिंह ने अनीता सिंह की मौत को हत्या बताया था।
इसके पीछे इन्होने कई तर्ज भी दिए थे। खुद को किसी भी तरह के आरोपों से बचाने के लिए चिनहट पुलिस ने उमेश प्रताप सिंह के खिलाफ राजीव सिंह की तहरीर पर हत्या और साक्ष्य मिटाने का मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी।
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मामले में पुलिस ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला का भी सहयोग लिया और घटना का रिक्रिएशन कराया गया। फोरेंसिक जाँच रिपोर्ट, मृतका के बच्चो और नौकरो से पूछताछ के बाद पुलिस ने राजीव सिंह के लगाए गए सभी आरोपों को न्यायसंगत तर्क देते हुए ख़ारिज कर दिया। पुलिस की जाँच रिपोर्ट ने उमेश प्रताप सिंह को अब पूरी तरह से निर्दोष साबित कर दिया है।