स्वजनों ने शोकाकुल माहौल में किया सीआरपीएफ जवान का अंतिम संस्कार

बुधवार की देर रात बेला-बिधूना मार्ग पर ऊसराहार मोड़ के पास कार और ट्रक की भिड़ंत में मृत सीआरपीएफ जवान गंगा सिंह सेंगर का शव गुरूवार को पैतृक गांव पुर्वा भवन गैली लाया गया। शव पहुंचते ही लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। गांव में शोक की लहर दौड़ गई। जवान का स्वजनों ने शोकाकुल माहौल में अंतिम संस्कार किया।

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पुर्वा भवन गैली निवासी सीआरपीएफ जवान गंगा सिंह सेंगर की श्रीनगर की बटालियन में तैनाती थी। बीते 22 फरवरी को वह अवकाश पर अपने घर आए थे। लॉकडाउन में फंस जाने के चलते वापस नहीं जा सके थे। दो दिन बाद ही उन्हें वापस जाना था, लेकिन बुधवार की रात उनके लिए काल बनकर आई। बिधूना में अपनी बहन के यहां से कार से वापस बेला दो बच्चों व पत्नी के साथ जा रहे थे। रास्ते में ट्रक ने उनकी कार में टक्कर मार दी थी। जिसमें सीआरपीएफ जवान की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं पत्नी रंजना सिंह व 14 वर्षीय युगप्रताप व डेढ़ वर्षीय आयूष प्रताप को घायल हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को सीएचसी में भर्ती कराया था। वहीं जवान के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। गुरुवार को पैतृक गांव पहुंचे शव का शोकाकुल माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। दो साल पहले हो चुकी पुत्र की मौत

सीआरपीएफ जवान गंगा सिंह सेंगर की पत्नी रंजना सिंह के जीवन में मुसीबतों ने कभी पीछा नहीं छोड़ा। पूरे जीवन दुखों के पहाड़ टूटते रहे। रंजना जब 13 वर्ष की थी, तभी उनके सिर से पिता का साया उठ गया। स्वजनों ने बड़ी मुसीबत में सीआरपीएफ जवान के साथ हाथ पीले किए तो लगा कि जीवन में मसीबतों से छुटकारा मिलेगा, लेकिन बीते दो वर्ष पूर्व रंजना के 20 वर्षीय बड़े पुत्र की अचानक मौत हो गई। बीते बुधवार को रंजना के जीवन में एक और मुसीबत का पहाड़ टूटा। वह अपने दो बच्चों व पति के साथ बिधूना में अपनी नंद के यहां से वापस आ रही थी। कि दुर्घटना ने उसके पति की मौत हो गई। रंजना के डेढ़ साल के छोटे पुत्र आयूष प्रताप को यह मालूम भी नहीं होगा कि उसके सिर से पिता का साया ही उठ गया है।

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