स्मृति ईरानी ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ स्कीम का नाम बदलने का रखा प्रस्ताव ! देखें…

इकोनॉमिक सर्वे 2019 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम का नाम बदलने का प्रस्ताव दिया गया है. अगर इसे मंजूरी मिली तो लैंगिक समानता के लिए काम करने वाली इस योजना को अब BADLAV (बेटी आपा धन लक्ष्मी और विजय-लक्ष्मी) के नाम से जाना जाएगा.

महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को एक ट्वीट किया. इस दौरान स्मृति ईरानी ने केंद्र सरकार की योजनाओं क भी जिक्र किया.

स्मृति ने ट्वीट किया, बेटी बचाओ अभियान से सीखते हुए, सामाजिक मानदंडों में आवश्यक और अर्थव्यवस्था में महिलाओं के योगदान को बढ़ाने के लिए BADLAV (बेटी आपकी धन लक्ष्मी और विजय-लक्ष्मी) की शुरुआत की गई है.

इससे हम इस मुहिम को आगे भी पूरा करने का प्रयास करेंगे. जेंडर समीकरण में बदलाव के साथ ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ से ‘बेटी आपकी धन लक्ष्मी और विजयलक्ष्मी’ तक का सफर.

 

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अपने अगले ट्वीट में स्मृति ईरानी ने लिखा, BADLAV को सशक्त बनाने और एक नया मानदंड (1/6) बनाने के लिए उल्लिखित 6 व्यवहारवादी सिद्धांतों को चुना गया है, जिसमें महिलाओं के लिए सरकारी प्रक्रियाओं को सरल बनाना, उत्पीड़न और भेदभाव की घटनाओं की रिपोर्ट करना, बैंक खाते खोलना, सरकार में महिलाओं की भागीदारी और पासपोर्ट बनाने जैसे अहम कदम हैं.

स्मृति ईरानी ने बताया, इस मुहिम से गांव की महिला नेताओं को रोल मॉडल के रूप में आगे लाया जाएगा. BADLAV के तहत सामाजिक मानदंड को बदलने के लिए मास मीडिया का उपयोग किया जाना चाहिए.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर यौन उत्पीड़न से संबंधित पोस्टर से साफ होता है कि इस प्रकार की घटनाओं को बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जा सकता. इसके साथ, टीवी पर लगातार विज्ञापन भी लैंगिक समानता को सकारात्मक आदर्श के रूप में पेश कर रहे हैं.

स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया, उदाहरण के लिए महिलाओं को प्रतियोगिता के लिए इनाम देना भी महिलाओं को सशक्त बनाता है. BADLAV में नौकरियों में महिला आवेदकों के लिए आवेदन शुल्क माफ किया जाएगा.

 

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