मुंह का जायका बढ़ाने के चक्कर में कहीं स्वास्थ्य के साथ तो नहीं कर रहें खिलवाड़  

स्ट्रीट फूड्सनई दिल्ली : सड़क किनारे मिलने वाले खाद्य पदार्थ यानी स्ट्रीट फूड्स अधिकांश लोग बड़े चाव के साथ खाते हैं, लेकिन इनके सेवन से अपच होने, पेट में गैस बनने या अन्य बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मियों के मौसम में और मानसून में मसालेदार, तैलीय भोजन खाना उपयुक्त होता है।

‘फूडसेफ्टीहेल्पलाइन डॉट कॉम’ के संस्थापक सौरभ अरोरा और ब्लू माउंट आरओ के प्रबंध निदेशक विशाल गुप्ता ने स्ट्रीट फूड के सेवन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में ये सुझाव दिए हैं :

कई प्रकार के स्नैक्स मसले हुए आलू से बनाए जाते हैं, जो काफी देर तक खुले में रखे हुए हो सकते हैं, इन्हें खाने से बचें। समोसा और पकौड़ी जैसे स्नैक्स बनाने के दौरान ताजी खाद्य सामग्री नहीं इस्तेमाल नहीं होने से और ज्यादा देर तक रखा होने के कारण इन्हें खाने से आपके पेट में गैस बन सकती हैं, एसिडिटी की समस्या हो सकती है।

बरसात के दौरान नमी के कारण खमीर वाले भोज्य पदार्थ जैसे छोले-भटूरे में फफूंद लग जाने की संभावना ज्यादा होती है, इसलिए इस तरह के भोजन को खाने के दौरान एहतियात बरतें, सामान्य रूप से बरसात का मौसम मसालेदार और तैलीय भोजन के सेवन के लिए अच्छा माना जाता है।

अधिकांश सड़कों पर बिकने वाले भोज्य पदार्थ खुले में बनाए जाते हैं, ऐसे में इनके दूषित बारिश के पानी के संपर्क में आने की संभावना रहती है। कुछ फूड स्टॉल खुली नालियों के आस-पास स्थित होते हैं, जहां कोलीफॉर्म बैक्टीरिया के संपर्क में आने की संभावना बढ़ जाती है और इससे आप डायरिया जैसी बीमारी के चपेट में आ सकते हैं।

स्ट्रीट फूड में खासकर आपके पसंदीदा गोलगप्पा में इस्तेमाल होने वाला मसाला पानी दूषित पानी से बना हो सकता है, जिससे आपको दूषित पानी से होने वाली बीमारियां जैसे कॉलरा, टायफाइड हो सकती है।

सड़क पर जो फलों के जूस बिकते हैं, हो सकता है कि वे काफी देर से खुले में रखे हों और वही बाद में आपको पीने के लिए दिए जाएं, जिससे आप बीमार पड़ सकते हैं और जिन गिलासों में इन्हें पीने के लिए दिया जाता है, उनके भी गंदे होने की संभावना रहती है।

अगर कुल्फी और बर्फ को गोले साफ-सफाई के साथ तैयार नहीं हुए हैं तो इन्हें खाने से भी आपको पेट संबंधित समस्या हो सकती है।

दूषित पानी से पेट या आंत में जलन, डायरिया और टायफाइड व कॉलरा जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। बारिश के गंदे पानी भरे सड़क पर जाने से गंदे पानी के छीटें कपड़ों, हाथ और पैरों पड़ने के कारण इस तरह की बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है।

विभिन्न रोगाणुओं के अलावा भूमिगत जल में हानिकारक केमिकल भी मौजूद हो सकते हैं, क्योंकि ये आसानी से भूमिगत जल में समा जाते हैं, इसलिए पानी को पीने से पहले उसे फिल्टर कर लें या उबाल लें।

LIVE TV