सोनिया बनी रहेंगी संसदीय दल की नेता, राहुल ने कहा – आक्रामक रहें, 52 सांसद इंच-इंच की लड़ाई लड़ेंगे…

कांग्रेस के नवनिर्वाचित सांसदों की बैठक संसद के सेंट्रल हॉल में हुई। इस बैठक में कांग्रेस संसदीय दल का नेता चुना जाना मुख्य एजेंडे में शामिल था।

 

सोनिया

 

वहीं खबर आ रही थी कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने का फैसला राहुल गांधी नहीं बदलते हैं तो उन्हें लोकसभा में पार्टी का नेता चुनने के लिए मनाया जा सकता है। बैठक शुरू हुई तो कुछ ही मिनटों के अंदर सोनिया गांधी को फिर से संसदीय दल का नेता चुन लिया गया।

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बता दें की कांग्रेस सांसदों को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि हमें आक्रामक बने रहना है। जहां राहुल ने कहा कि हम 52 सांसद निर्वाचित होकर आए हैं और हम सभी 52 सांसद देश के लिए भाजपा से इंच-इंच की लड़ाई लड़ेंगे। वहीं सांसदों को संबोधित करने के बाद राहुल गांधी संसद से रवाना हो गए।

देखा सोनिया गांधी फिर से संसदीय दल की नेता चुन ली गईं। वह पहले भी इस पद पर थीं और आगे भी बनी रहेंगी।-संसदीय दल के सभी सदस्यों ने सोनिया को सर्वसम्मति से ‘नेता’ चुना। जहां सोनिया ने राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए कहा कि राहुल दूरदर्शी नेता हैं। उन्होंने राहुल के नेतृत्व और आक्रामक तेवर की भी तारीफ की।

दरअसल कांग्रेस की संसदीय दल की बैठक में शामिल होने के लिए यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी संसद पहुंचे कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में शामिल होने के लिए राहुल गांधी अपने आवास से रवाना हुए।

जहां बैठक में पार्टी के सभी 52 नव निर्वाचित लोकसभा सांसद शामिल होंगे।  और साथ ही इसमें कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य भी हिस्सा लेंगे।
वहीं कांग्रेस सांसद निचले सदन के लिए अपने नेता का चुनाव कर सकते हैं।

लेकिन इस लोकसभा चुनाव में विपक्ष के तौर पर कोई बड़ी पार्टी उभर कर सामने नहीं आई है। भाजपा के 303 सांसदों के बरक्स कांग्रेस के पास महज 52 सांसद हैं। विपक्ष का नेता बनने के लिए पार्टी के पास कुल लोकसभा सीटों(543) में से कम से कम 10 फीसदी यानि कि 55 सीटें होनी चाहिए। कांग्रेस के पास तीन सांसद कम हैं, ऐसे में ‘विपक्ष का नेता’ बनने के लिए केवल कांग्रेस की जीती हुई सीटें काफी नहीं है।

25 मई को हुई कांग्रेस कार्यसमिति(सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद यह पहली आधिकारिक बैठक होगी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शामिल होंगे। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्षता वर्तमान में सोनिया गांधी कर रही हैं। आज होने वाली इस बैठक में आगामी सत्र के लिए अपनी रणनीति भी बनाएगी।

दरअसल मालूम हो कि 25 मई को हुई कार्यसमिति की बैठक के दौरान राहुल ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी। कांग्रेस कार्यसमिति पहले ही उनके इस्तीफे की पेशकश खारिज कर चुकी है और सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर उन्हें पार्टी के हर स्तर पर ढांचागत बदलाव लाने के लिए अधिकृत किया गया है।

वहीं कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद राहुल गांधी ने गुरुवार की शाम पवार से उनके घर जाकर मुलाकात की थी। इससे पहले वह जेडीएस नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से भी मुलाकात की थी। सियासी गलियारे में इन मुलाकातों के कई मायने निकाले जा रहे थे। ऐसे में माना जा रहा है कि विपक्ष की राजनीति को कैसे सुदृढ़ किया जाए, इसको लेकर पवार से उनकी चर्चा हुई होगी।

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