सैयद अली शाह गिलानी का ‘प्रोटेस्ट कैलेंडर’ NIA ने किया बरामद, कट्टरपंथी बौखलाए  

सैयद अली शाहनई दिल्ली। एनआईए ने कश्मीर के कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी द्वारा जारी प्रोटेस्ट कैलेंडर बरामद किया है। इस कैलेंडर पर गिलानी के साइन भी हैं। इसकी बरामदगी से एक बार फिर पाकिस्तानी हैंडलर्स की मदद से कश्मीर में अशांति और हिंसा फैलाने में अलगाववादियों की भूमिका उजागर हुई है।

NIA के हाथ लगे कैलेंडर में हिज्बुल कमांडर बुरहान के एनकाउंटर के बाद उन तारीखों का जिक्र है जिनमें घाटी में अशांति फैलाने वाले कार्यक्रम किए गए। इस प्रोटेस्ट कैलेंडर को गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह ‘फंटूश’ के पास से बरामद किया गया है।

इससे एक बार फिर इस बात की पुष्टि हुई है कि हुर्रियत ने कैसे योजनाबद्ध तरीके से घाटी में अशांति और हिंसा फैलाई। बुरहान के एनकाउंटर के बाद घाटी में पत्थरबाजों और सुरक्षाबलों में संघर्ष के दौरान सैकड़ों घायल हुए और कई लोगों की मौत हुई।

अगस्त 2016 मे बनाया केलेंडर अब जा कर बरामद हुआ है ,क्या भारत की खुफिया एजेन्सी अभी तक सो रही थी ? बहुत ही शर्मनाक और चिता का विषय है ,कश्मीर मे क्या चल रहा है किसी को खबर तक ही नही।।।+

एनआईए की जांच इस ओर इशारा करती है कि हुर्रियत के हिंसक विरोध-प्रदर्शन में स्थानीय मौलवियों, अलगाववादी कार्यकर्ताओं के साथ विपक्षी दलों के कार्यकर्ता भी शामिल रहे। एनआईए की जांच के मुताबिक इन सबके लिए हुर्रियत ने पाकिस्तानी एजेंसियों के साथ मिलकर फंड उपलब्ध कराया।

उदाहरण के लिए गिलानी ने 6 अगस्त 2016 को गिलानी ने स्थानीय चौक, मोहल्लों में लोगों के इकट्ठा होने का आह्वान किया था। गिलानी ने अपने प्रोटेस्ट कैलेंडर में इकट्ठा हुए लोगों को मस्जिदों में इस्लामिक और ‘आजादी के तराने’ गाने को कहा था। एनआईए ने जिस प्रोटेस्ट कैलेंडर को बरामद किया है उसमें अगस्त 2016 के कार्यक्रम दर्ज हैं।

यह वह समय था जब जम्मू-कश्मीर में सर्वाधिक विरोध प्रदर्शन और पत्थरबाजी की घटनाएं दर्ज की गईं। प्रोटेस्ट कैलेंडर में 8 अगस्त को दर्ज कार्यक्रम के मुताबिक श्रीनगर के सचिवालय और तहसील दफ्तरों के रास्तों को ब्लॉक करने की बात कही गई है। ऐसा इसलिए ताकि अधिकारियों को काम पर जाने से रोका जा सके। इसी तरह 9 अगस्त को दर्ज कार्यक्रम में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन का आह्वान करते हुए मस्जिदों में आजादी के गीत गाने की बात कही गई है।

11 अगस्त की ऐक्टिविटी में भारत का समर्थन करने वाले सभी नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं के अलावा पंच और सरपंचों को इस्तीफा देने के लिए पोस्टर जारी करने की बात कही गई है। इस पोस्टर को ऐसे लोगों के घरों के गेट पर लगाया गया था। एनआईए सूत्रों ने बताया कि इससे साफ है कि घाटी में अशांति पैदा करने वालों के पास सरकारी विभागों में काम करने वाले सभी कर्मचारियों की लिस्ट थी।

इस बीच एनआईए ने रविवार को जम्मू ऐंड कश्मीर सोशल पीस फोरम (जेकेएसपीएफ) के चेयरमैन और हुर्रियत लीगल सेल के सदस्य देविंदर सिंह बहल के घर छापा मारा। एनआईए ने बहल से पूछताछ की। सूत्रों ने बताया कि जेकेएसपीएफ ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की घटक थी।

एनआईए के प्रवक्ता इंस्पेक्टर जनरल आलोक मित्तल ने कहा कि बहल गिलानी का करीबी था। उनके मुताबिक बहल नियमित तौर पर आतंकियों के जनाजे में शामिल होता था। उन्होंने बताया कि ऐसा समझा जा रहा है कि बहल कूरियर के तौर पर काम करता था। वह पाकिस्तानी हैंडलर्स से अलगाववादियों के लिए फंड लाने का काम करता था। फिलहाल इसकी जांच की जा रही है।

एनआईए ने बताया कि बहल के घर से 4 मोबाइल, एक टैबलट और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं। इसके अलावा टेरर फंडिंग की जांच से जुड़े डॉक्युमेंट्स के साथ दूसरे लेख भी बरामद किए गए हैं।

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