बिहार : सेनारी जनसंहार के 10 दोषियों को फांसी, तीन को उम्रकैद

सेनारी जनसंहारजहानाबाद| बिहार के जहानाबाद जिले के सेनारी गांव में 17 वर्ष पहले एक साथ 34 लोगों की हत्या के मामले में मंगलवार को जहानाबाद की एक अदालत ने 10 लोगों की फांसी और तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। सेनारी जनसंहार मामले में उम्रकैद की सजा पाए तीन दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

सेनारी जनसंहार

जहानाबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (तृतीय) रंजीत कुमार सिंह की अदालत ने 27 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई के बाद 38 आरोपियों में से 15 लोगों को दोषी करार दिया था और 23 लोगों को बरी कर दिया था।

लोक अभियोजक सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया, “जिन 15 लोगों को अदालत ने दोषी पाया है, उनमें से दो अब तक फरार हैं। ऐसे में बाद में ही अदालत उनकी सजा सुनाएगी।”

सुरेंद्र प्रसाद सिंह के मुताबिक, अदालत ने इस जनसंहार को ‘रेयर अफ द रेयरेस्ट’ मामला माना है।

उन्होंने बताया कि बुटाई यादव, गोपाल साव, गोराई पासवान, ललन पासी, सत्येंद्र दास, करीमन पासवान, उमा पासवान, बचेश सिंह, बुधन यादव, द्वारिक पासवान को फांसी की सजा जबकि विनय पासवान, अरविंद यादव, मुंगेश्वर यादव के उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

लगभग 17 वर्ष पहले 18 मार्च, 1999 को तत्कालीन जहानाबाद जिले (वर्तमान के अरवल जिले) के करपी थाना क्षेत्र के सेनारी गांव में धावा बोलकर एक जाति विशेष के 34 लोगों को एक स्थान पर ले जाकर गर्दन रेतकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप नक्सली संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) पर लगा था।

इस मामले में गांव की ही चिंता देवी के बयान पर गांव के 14 लोगों सहित 50 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया गया था। चिंता देवी के पति और उसके पुत्र की भी इस घटना में हत्या कर दी गई थी।

गौरतलब है कि चिंता देवी की मौत हो चुकी है। इस मामले की सुनवाई के दौरान 32 गवाहों ने अपनी गवाही दी है।

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