सूर्य से 650 करोड़ गुना भारी है ब्लैक होल, इसका फैलाव चार हजार करोड़ वर्ग किलोमीटर है

हाल में ही वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों से ब्लैक होल की पहली तस्वीर जारी की गई है। यह ब्लैक होल एम87 नामक आकाशगंगा में मौजूद है। इस तस्वीर में प्रकाश का एक चक्र दिख रहा है, जिसके बीच में ब्लैक होल है। यह तस्वीर इवेंट हॉरिजन टेलिस्कोप से ली गई है।

क्या है इवेंट हॉरिजन टेलीस्कोप

यह आठ टेलीस्कोप को जोड़कर बनाया गया नेटवर्क है। क्योंकि, एक टेलिस्कोप ब्लैक होल की तस्वीर लेने में सक्षम नहीं था। टेलिस्कोप को एक दूसरे से जोड़ने की तकनीकी को इंटरफेरोमेट्री कहते हैं। इस काम में 200 वैज्ञानिकों का समूह लगा हुआ था।
परियोजना के शोधकर्ताओं ने अप्रैल 2017 में अमेरिका के एरिजोना और हवाई के साथ-साथ मैक्सिको, चिली, स्पेन और अंटार्कटिका में दूरबीनों का उपयोग करके पहला डेटा प्राप्त किया। टेलिस्कोप के वैश्विक नेटवर्क ने अनिवार्य रूप से एक ग्रह के आकार का अवलोकन तैयार किया। टीम के एक सदस्य मैकस्कोरा ने कहा कि टेलिस्कोप प्रति छेद ब्लैक होल को नहीं देख रहा है, लेकिन जिस सामग्री को उसने पकड़ा है, वह एक चमकदार डिस्क है, जिसे व्हाइट-हॉट गैस और प्लाज्मा कहा जाता है।

धरती से इतनी दूरी पर स्थित है यह ब्लैक होल

इस ब्लैक होल की स्थिति धरती से 5 करोड़ 50 लाख प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। एम87 नाम की गैलेक्सी में पाए गए इस ब्लैक होल का फैलाव 4000 करोड़ वर्ग किलोमीटर तक है।
सूर्य से 650 करोड़ गुना से ज्यादा भारीयह ब्लैक होल सूर्य से 650 करोड़ गुना ज्यादा भारी है। तस्वीर में ब्लैक होल आग के जलते गोले के समान दिखाई दे रहा है। विशेषज्ञ इसे गरम गैसों का एक मिश्रण बता रहे हैं।

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क्या होता है ब्लैक होल

ब्लैक होल अंतरिक्ष में ऐसी जगह है, जिसमें जाने के बाद कोई चीज बाहर नहीं आती। यहां तक कि प्रकाश भी नहीं। इसके अंग्रेजी नाम का हिंदी में अनुवाद करें तो यह काला छिद्र होगा। मगर यह वास्तव में कोई छिद्र या छेद नहीं है। यह तत्वों का घना मिश्रण माना जाता है, जिससे पैदा होने वाला गुरुत्वाकर्षण बल आसपास मौजूद सभी चीजों को अपनी ओर खींचता है। वैज्ञानिक 18वीं शताब्दी से इसे काला तारा मानकर इसके अस्तित्व को स्वीकारते थे, लेकिन किसी दूरबीन से इसे देखा नहीं जा सका था, न कभी इसकी तस्वीर सामने आई थी।

यह ब्लैक होल पृथ्वी से इतना दूर है कि हमें इस तक पहुंचने में 5 करोड़ प्रकाश वर्ष लग जाएंगे। या यूं कहें कि यह हमारी पृथ्वी से 5 मिलियन ट्रिलियन (पांच के आगे 20 बार शून्य लगा लीजिए) किमी दूर है। इस तस्वीर को आठ रेडियो टेलीस्कोप के जरिए तैयार किया गया। इन टेलीस्कोप इवेंट होराइजन के डायरेक्टर शेफर्ड डेअलमैन ने अमेरिका में इस तस्वीर को जारी करते हुए बताया कि यह तस्वीर पृथ्वी से चंद्रमा पर ली गई किसी कंकड़ की तस्वीर है।

1972 में सबसे पहले ब्लैक होल की हुई थी पुष्टि

1972 में सबसे पहले ब्लैक होल की पुष्टि हुई थी। स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल पर इवेंट होराइजन की थ्योरी दी थी। जिसके बाहरी हिस्से को इवेंट होराइजन कहते हैं। इससे निकलने वाली रेडिएशन को हॉकिंग रेडिएशन के नाम से जाना गया।

1915 में जर्मन वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने सामान्य सापेक्षता का सिद्धांत दिया था, इस सिद्धांत के तहत ब्लैकहोल की गुरुत्वाकर्षण शक्ति इतनी अधिक होती है कि यह आसपास की सभी चीजों को अपने अंदर खींच लेगा।

आइंस्टीन के इस सिद्धांत से ब्लैकहोल के बारे में जानने में बेहद मदद मिली। इससे पहले बताया गया था कि गुरुत्वाकर्षण प्रकाश की गति को प्रभावित करता है।

क्या कहा था हॉकिंग ने

इससे पहले ब्रिटिश वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने 1974 में पहली बार ब्लैक होल से निकलने वाली हॉकिंग रेडिएशन की परिकल्पना की थी। हॉकिंग की पिछले साल ही मौत हो गई थी। स्टीफन हॉकिंग ने कहा था कि ब्लैक होल के अंदर से बाहर निकला जा सकता है। इससे पहले माना जाता था कि ब्लैक होल के अंदर से किसी भी चीज का बाहर निकलना संभव नहीं है। स्टीफन हॉकिंग का यह शोध फिजिकल रिव्यूलेटर्स में प्रकाशित हुआ था

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