कश्मीर में सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाएंगी कॉमिक बुक

सुरक्षा बलों का मनोबलनई दिल्ली। जम्मू एवं कश्मीर में तैनात अर्धसैनिक सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) एक कॉमिक बुक लेकर आ रहा है, जिसके केंद्र में साल 2001 में श्रीनगर हवाईअड्डे पर हुआ आतंकवादी हमला है।

‘शौर्य गाथा’ शीर्षक की इस पुस्तक में सीआरपीएफ जवानों के साहस की कहानियां हैं, जो इस श्रृंखला की 12 कॉमिक बुक में से एक है। पिछले चार वर्षो के दौरान जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 150 जवानों की जान जा चुकी है।

दिल्ली में मुद्रित 30-40 पृष्ठों की यह कॉमिक बुक इस साल अक्टूबर या नवंबर में आएगी। इसके बाद दो अन्य कॉमिक बुक ‘अटैक ऑन रघुनाथ टेम्पल’ और ‘ब्रेवरी ऑफ खूबी राम’ भी आएंगी।

सीआरपीएफ की इस 10वीं सचित्र कॉमिक बुक में हवाईअड्डे पर हमले के दौरान इस अर्धसैनिक बल के जवानों द्वारा दिखाई गई वीरता का चित्रण किया गया है, जब 16 जनवरी, 2001 को लश्कर-ए-तैयबा के छह आत्मघाती हमलावरों ने हवाईअड्डे पर हमला कर दिया था। इस हमले में दो नागरिकों की जान गई थी, जबकि सीआरपीएफ के तीन जवान शहीद हो गए थे।

सुरक्षाकर्मियों ने तीन घंटे तक चली गोलीबारी में छह आतंकवादियों को मार गिराया था।

आतंकवादी सेना की वर्दी में हवाईअड्डा टर्मिनल से करीब दो किलोमीटर दूर पहले प्रवेश द्वार से दाखिल हुए थे। वे एक कार में आए थे।

सीआरपीएफ के जवानों ने हालांकि आतंकवादियों को आगे बढ़ने से रोक दिया, लेकिन इस दौरान उन्होंने बेतहाशा गोलियां बरसाईं और ग्रेनेड फेंके। इस हमले में तीन जवान शहीद हो गए, जबकि एक महिला सहित नौ अन्य घायल हो गए।

सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट राजीव कुमार ने आईएएनएस से कहा, “हमारे जवानों का साहसिक कारनामा जम्मू एवं कश्मीर में तैनात बलों को प्रेरित करेगा।”

उन्होंने कहा, “कॉमिक ‘अटैक ऑन श्रीनगर’ दर्शाता है कि सीआरपीएफ के जवानों ने किस प्रकार आतंकवादी हमले को विफल कर दिया। मुझे भरोसा है कि कॉमिक, घाटी में तैनात हमारे सैन्यकर्मियों को प्रेरित करेगी।”

कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ के जवान बड़ी संख्या में तैनात हैं, जहां अलगाववादी आंदोलन के कारण 1989 से अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है।

देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ के 2,580 जवान आठ जुलाई, 2016 से 27 फरवरी, 2017 के बीच घायल हुए।

कुमार ने बताया कि सीआरपीएफ जवानों के शौर्य पर आधारित कॉमिक बुक का विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में पदभार संभालने के बाद दिया था।

अब तक नौ कॉमिक बुक जारी हो चुकी हैं। हर कॉमिक की 20,000 से अधिक प्रतियां नए जवानों और संबद्ध संगठनों के बीच वितरित की जा चुकी हैं। जल्द ही इनकी सार्वजनिक बिक्री शुरू की जाएगी।

अधिकारी ने कहा, “कॉमिक किताबों की बिक्री से जो धनराशि एकत्र होगी, उन्हें शहीदों के परिवारों के कल्याण पर खर्च किया जाएगा।”

इन कॉमिक पुस्तकों में अक्टूबर 1959 में जम्मू एवं कश्मीर के लेह में चीनी सेना के खिलाफ सीआरपीएफ जवानों के साहस और दिसंबर 2001 में संसद पर हमले तथा जुलाई 2005 में अयोध्या हमले का भी जिक्र है।

आम बोलचाल की हिन्दी भाषा में लिखी इन कहानियों में सीआरपीएफ जवानों के जीवन व उनके अभियानों के बारे में बताया गया है। पुस्तक की विषय-वस्तु के लेखन से लेकर इससे संबंधित अन्य सभी कार्यो का प्रबंधन सीआरपीएफ द्वारा ही किया जाता है।

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