जिसने दी 65000 करोड़ की चोट, बदलवा दिया सरकार का ‘इरादा’, अब कर रहा पछतावा

सुप्रीम कोर्टनई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक अप्रेल से हाइवे के 500 मीटर के दायरे में आने वाली शराब की सभी दुकानों को बंद करने का फरमान जारी किया है। लेकिन इस फरमान से राज्य के राजस्व को बड़े झटके से बचाने के लिए राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय के फैसले की काट निकाल ली है। राज्य सरकार ने तमाम हाइवेज की मान्यता वापस ले ली है जिससे वहां कि दुकानों पर ये रूल लागू नहीं होगा। इसमें सबसे दिलचस्प बात यह है कि शराब बंदी के लिए जनहित याचिका दायर करने वाले चंडीगढ़ के हरमन सिद्धू भी परेशान नज़र आ रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की काट आई सामने

हाइवे पर शराब बंदी से एक ओर जहां शराब के कारोबार में लगभग पचास हज़ार करोड़ रूपए का नुकसान होने की संभावना है तो वहीँ एक लाख लोगों का रोजगार भी छिन सकता है। खास बात यह है कि इस नियम के लागू होते ही शराब बंदी के लिए जनहित याचिका दायर करने वाले चंडीगढ़ के हरमन सिद्धू भी परेशान नज़र आ रहे हैं। उनका कहना है कि मैं खुद भी ड्रिंक एंजॉय नहीं कर पा रहा हूं।

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हाइवेज पर शराब बंदी के लिए जनहित याचिका दायर करने वाले हरमन का कहना है कि कोर्ट में अर्जी देते समय उनके दिमाग में बस इतनी ही बात थी कि इस नियम से ड्रिंक कर ड्राइव करने वालों पर रोक लगेगी। लोगों के साथ सरकार को भी इतना बड़ा नुकसान होगा ये नहीं सोचा था। हरमन का कहना है कि ‘सुप्रीम कोर्ट की सख्ती से अब वो परेशान हैं’। उन्होंने कहा- ‘मैं पीना पसंद करता हूं और अब मुझे शराब खरीदने के लिए कई किलोमीटर अतिरिक्त जाना होगा’।

हरमन ने कहा ‘शहर के अन्दर बने हाइवे की मान्यता रद्द होनी चाहिए’। साथ ही चंडीगढ़ प्रशासन पर भी गड़बड़ी का आरोप लगाया। कहा- कई ऐसे हाईवे हैं, जो शहर के बीचोंबीच से गुजरते हैं। वहां पर भी शराब बंदी का ये नियम सख्ती से लागू किया जा रहा है।  इससे शराब की कमी का वर्ल्ड रेकॉर्ड बन जाएगा।

बता दें कि हाइवे के किनारे शराब बंदी का ये फरमान सिर्फ दुकानों के लिए ही नहीं बल्कि रेस्तरां और पब्स के ऊपर भी लागू किया गया है। जिससे रेस्तरां और पब्स के मालिकों को लगभग पंद्रह हज़ार करोड़ रुपये का झटका लग सकता है।

वित्त वर्ष 2017 के पहले 9 महीनों में भारत में शराब की बिक्री 0.4 पर्सेंट बढ़ी। 2001 के बाद देश में शराब की बिक्री तेजी से बढ़ रही थी। पहली बार ग्रोथ इतनी कम हुई है। 2011 तक के 10 साल में इसकी बिक्री में 12 पर्सेंट सीएजीआर से अधिक की बढ़ोतरी हुई थी।

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि 10 गुना अधिक रोजगार इस बैन की वजह से जा सकते हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘टूरिज्म से रोजगार के मौके बनते हैं। इसे खत्म क्यों करना? सुप्रीम कोर्ट के हाइवे पर शराब बंदी के फैसले से 10 लाख लोगों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ सकती है।’

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