सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगी फैसला, लॉकडाउन के दिनों में करमचारियों को पूरा वेतन देने का मामला
कोरोना महामारी के दौरान बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने पूर्ण रूप से लॉकडाउन लगाने का फैसला किया था| इस दौरान, एक और फैसला भी दायर किया था, जिसमें निजी कंपनियों से अपने मजदूरों को पूरा वेतन देने के आदेश भी दिए थे| पूर्ण रूप से यह आदेश टॉप लेवल कंपनियों और निजी कंपनियों द्वारा लागू किया गया| इन याचिकाओं में कंपनियों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कहा गया था,कि कंपनियों को 54 दिन के दौरान पूरा वेतन देनी होगा।

सरकार के इस फैसले को लेकर निजी कंपनियों ने असमर्थता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई | इसके बाद सरकार ने अपने पक्ष को रखते हुए 4 जून को हुई सुनवाई में कहा था| कि मज़दूरों को पूरा वेतन देने का आदेश जारी करना ज़रूरी था। मज़दूर आर्थिक रूप से कमजोर तबके से आते हैं। उनका कहना हैं कि बिना काम के उनको दिक्कतों का सामना न करना पड़े | सरकार के इस फैसले से निजी उद्योग संतुष्ट नहीं है | उन्होंने 29 मार्च से 17 मई के बीच के 54 दिनों का पूरा वेतन देने में असमर्थता जताई| इस फैसले से नाखुश थे| उनका ये कहना था, कि सरकार को उद्योगों की मदद करनी चाहिए।