मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करने से मिलते हैं ये चमत्कारी फायदे

सुंदरकांड का पाठजब भी कोई व्यक्ति अपने जीवन में समस्याओं या परेशानियों से घिर जाता है तो उसे सुंदरकांड का पाठ करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि ऐसा माना जाता है की सुंदरकांड का पाठ करने से आपकी सभी परेशानियों को बजरंग बली हर लेते है। साथ ही मनोवैज्ञानिक नजरिए से भी सुंदरकांड का पाठ करना बेहद फायदेमंद बताया गया है। जिसके कारणवश अगर कोई भी व्यक्ति खुद को कमजोर महसूस करने लगता है तो उसे भी सुन्दरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए।

बता दें हनुमानजी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए सुंदरकांड का पाठ करना जरुरी है। शास्त्रों में इनकी कृपा पाने के लिए कई उपाय दिए गए है उनमें से ही एक है सुंदरकांड का पाठ करना। इस कांड का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा के साथ ही श्रीराम की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है। किसी भी प्रकार की परेशानी में सुंदरकांड का पाठ करने से परेशानी दूर हो जाती है।

तो चलिए जानते है सुंदरकांड का पाठ और उससे से जुड़े तथ्यों के बारे में :-

क्या है सुंदरकांड का पाठ :- बात तब की है जब हनुमान जी समुद्र लांघकर माता सीता की खोज में लंका पहुंचे थे। उस समय उन्होंने वहां पहुंचकर सीता माता की खोज की, लंका को जलाया तथा माता का संदेश लेकर भगवान श्री राम के पास पहुंचे।

जिसके बाद से ही इस पूरे कांड को एक भक्त की जीत का कांड बताया गया है, जो अपनी इच्छा शक्ति के बल पर इतना बड़ा चमत्कार कर पाया। इतना ही नहीं सुन्दरकांड में जीवन की सफलता के कई मत्वपूर्ण सूत्र भी दिए गए है। जिसके कारणवश पूरी रामायण में सुंदरकांड को सबसे श्रेष्ठ माना गया है क्योंकि यह आत्मविश्वास बढ़ाता है।

सुंदरकांड का पाठ के मनोवैज्ञानिक लाभ :- सुंदरकांड रामायण का एकमात्र ऐसा अध्याय है जो श्री राम के भक्त हनुमान की विजय का कांड है।

वहीं मनोवैज्ञानिक नजरिए से देखा जाये तो यह आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति बढ़ाने वाला कांड है। सुंदरकांड के पाठ से व्यक्ति को मानसिक शक्ति प्राप्त होती है। साथ ही किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए आत्मविश्वास मिलता है। इसलिए भगवान के प्रती आस्था रखने वालों को किसी भी प्रकार की दुःख या समस्या होने पर सुंदरकांड का पाठ करने की सलाह दी जाती है।

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