सीने में दर्द, चुभन, जलन, जकड़न का घरेलू इलाज
ज्यादातर लोग सीने में दर्द उठने पर हार्ट अटैक की आशंका से घबरा जाते है जो सरासर गलत अवधारणा है | हालांकि इसकी संभावना को पूरी तरह नहीं नकारा जा सकता है लेकिन ज्यादातर मामलो में सीने में दर्द के कारण अलग होते है | दर्द और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण एंजाइना या हार्ट अटैक से जुड़े जरुर हो सकते है परंतु छाती के सभी दर्द ह्रदय घात की वजह नहीं होते है (non-cardiac chest pain) के कई और कारण भी हो सकते है |
सीने में दर्द का क्या कारण है ? यह सवाल दर्द होने पर पीड़ित व्यक्ति के दिमाग में अक्सर उठता है, तो इसके कई कारण हो सकते है जैसे – पेट में अल्सर, गैस्टिक, एसिडिटी, खट्टी डकार या अपच, हार्ट बर्न, सरवाईकल, कफ, ठंड से होने वाली मांसपेशियों में ऐंठन, पसलियों का चलना खासतौर से बच्चो में,अत्यधिक मानसिक तनाव, फेफड़ो का संक्रमण, सीने पर कोई चोट या बाहरी आघात लगना, लंबी खांसी, पसलियों में सूजन और अंत में दिल से जुडी कोई बीमारी होने पर खासतौर से एनजाइना रोग, इसके लक्षण तथा कारण जानने के लिए
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जिम जाने वाले या व्यायाम करने वाले नौजवानों में सीने में दर्द तब भी हो सकता है, जब पेट का एसिड इसोफैगस में पहुँच जाता है। कई बार एक्सरसाइज करने से यह और बढ़ जाता है। अगर बार-बार सीने में दर्द हो रहा हो तो तुरंत किसी डॉक्टर को दिखाएँ। इस पोस्ट में हम कुछ घरेलू उपाय बताएंगे जो गैस, एसिडिटी या सर्दी आदि से होने वाले सामान्य छाती के दर्द को ठीक करने में कारगर हैं |
(छाती) सीने में दर्द के लिए घरेलू उपचार
- एक चम्मच-भर अजवायन लेकर 250 मि.ली. पानी में उबालें। चौथाई पानी शेष रहने पर रात में सोते समय गरम-गरम पीकर कपड़ा ओढ़कर सो जाएं। यह प्रयोग दिन में 2 बार निरंतर 5-7 दिन तक करने से सीने में दर्द खत्म हो जाता है। यह काढ़ा 2 चम्मच-भर दिन में 2 बार निरंतर कुछ दिन सेवन करने से पसली चलना भी ठीक हो जाता है। साथ ही यह अजवायन का काढ़ा यकृत, तिल्ली, हिचकी, मिचली, खट्टी डकारें, पेट की गैस को ठीक करने वाला भी है। इसके अतिरिक्त इस प्रयोग से मौसम परिवर्तन के समय होने वाले जुकाम का कष्ट भी दूर होता है। नोट : जिन्हें पेशाब सम्बंधी कोई रोग है तो वे इस काढ़े का सेवन न करें।
- छ: महीने से बारह महीने के आयु वाले छोटे बच्चे को ठंडे मौसम या ठंडी हवा के कारण सर्दी लग जाए, सीने में दर्द हो, सीने में कफ हो, या पसली चले तो आधा कप पानी में 10-12 दाने अजवायन के डालकर उबालें। आधा रहने पर इसे कपड़े से छान लें। यह अजवायन का काढ़ा थोड़ा गर्म-गर्म शिशु को दिन में दो बार अथवा केवल रात में सोने से पहले पिलाएँ।
- सीने में दर्द के उपचार के लिए एक गिलास दूध में चार पांच लहसुन की कटी हुई कलियाँ डालकर उबाल कर पियें |
- सर्दियों में सीने के दर्द में हल्दी मिला गर्म दूध पियें |
- मेथी दानों को रातभर पानी में भिगो कर रखें सुबह इसका पानी हल्का गर्म करके पियें और बचे हुए दानो का सेवन चाहे तो सब्जी बना कर भी कर सकते है | यह भी जरुर पढ़ें –
- 125 मि.ली. पानी में लौंग 1 नग लेकर 5 मिनट तक उबालें तथा फिर नीचे उतारकर ठंडा कर लें। इस मात्रा को रोजाना सेवन करने से सीने में दर्द, पसली चलना, कफ, खांसी और न्यूमोनिया में लाभ होता है, लौंग के प्रयोग से शरीर के अंदर की वायु नलियों की सिकुडन व विकास बाधा और उससे होने वाली पीड़ा ठीक होती है।
- एक कप हल्के गर्म पानी में एक चुटकी बेकिंग सोडा मिलाकर पीयें इससे गैस से होने वाले सीने में दर्द से राहत मिलेगी।
- सर्दियों में सुबह के समय गर्म पानी का सेवन जरुर करें |
- मुंह में लौंग रखकर चूसने से खांसी से होने वाले सीने में दर्द से आराम मिलता है।
- लौंग 1 नग, कालीमिर्च 2 नग और तुलसी की पत्तियां 4 नग लेकर 250 मि.ली. पानी में उबालने के बाद कुछ मात्रा में दूध व मिश्री मिलाकर चाय के स्थान पर इस प्रयोग को दिन में 2-3 बार करने से इसे बिना दूध व मीठा मिलाए भी प्रयोग किया जा सकता है। इस नुस्खे से सीने में दर्द अथवा पसली के दर्द में (बच्चों को आधी मात्रा में दें) से छुटकारा मिलता है। नोट : यदि किसी को लौंग से एलर्जी हो तो उसके स्थान पर विकल्प के रूप में अदरक 1-2 ग्राम कुचलकर प्रयोग कर सकते हैं।
- कम से कम 1 महीने में 4 बार पूरे शरीर की मालिश करनी चाहिए। केवल पैर के तलुवों पर तेल की मालिश करने से आंखों की दृष्टि (नजर) तेज होने के साथ ही साथ पांवों का खुरदरापन, रूखापन व पांवों की सूजन दूर होती है। पांवों में कोमलता और शक्ति आती है। इसके अतिरिक्त पांव की तेल मालिश से पसली की नाड़ियों के दर्द अथवा रोग नहीं होते हैं।
- कपूर के धुंए को सूंघने से भी सीने की रूकावट दूर होती है।
- विक्स या बाम को सीने पर लगाकर कंबल ओढ़कर कुछ देर के लिए आराम करने से भी सीने में दर्द छूमंतर हो जाता है |
- जैसा की हमने पहले बताया था की सीने में दर्द के कई कारण हो सकते है इनमे ज्यादातर मामले सर्दी, कफ, गैस, बदहजमी की वजह से ही होते है यदि आपको अंदाजा है की ये दर्द इनमे किस कारण से हुआ है, तो आप नीचे दिए गए इन लेखो में दी गई जानकारी का लाभ उठा सकते है |