सीएम योगी को भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं, 3 बर्खास्त, 7 को जबरन रिटायरमेंट
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीएम का पद संभालते ही साफ कर दिया था कि वो भ्रष्टाचार को बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं। सीएम योगी ने अपनी इस बात को साबित भी कर दिया है। मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए चकबंदी अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामकिशोर गुप्ता सहित तीन अधिकारीयों को बर्खास्त कर दिया है। चकबंदी विभाग में अब तक 12 अधिकारी नप चुके हैं। कार्रवाई के जद में चकबंदी अधिकारी और सहायक चकबंदी अधिकारी आए हैं।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सात अक्षम अधिकारीयों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है तो तीन को बर्खास्त किया गया है। वहीं दो को पदावनत का दंड मिला है।
इन अधिकारियों पर गिरी गाज
लखनऊ में तैनात चकबंदी अधिकारी राम किशोर गुप्ता, सहारनपुर में तैनात चकबंदी अधिकारी रामकेश कटियार और मुजफ्फरनगर में तैनात चकबंदी अधिकारी सचेंद्र बहादुर सिंह।
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इन्हें किया गया जबरन रिटायर
प्रमोद कुमार त्रिपाठी, बंदोबस्त अधिकारी बांदा। इन पर इटावा में अवैध धनराशि स्वीकारने का दोषी पाया गया है। ओमकार नाथ, चकबंदी अधिकारी संत रविदास नगर। इनके खिलाफ कई प्रतिकूल प्रविष्टियां थीं और ये 2016 से निलंबित चल रहे थे। गिरीश कुमार द्विवेदी, सहायक चकबंदी अधिकारी उन्नाव। इनके खिलाफ भी कई मामले राज्य लोक सेवा अधिकरण में याचिका विचाराधीन है।
राजकुमार शर्मा, सहायक चकबंदी अधिकारी एटा, वेद प्रकाश सिंह सहायक चकबंदी अधिकारी बिजनौर, रमेश कुमार सहायक चकबंदी अधिकारी बलिया और सहारनपुर के सहायक चकबंदी अधिकारी वीर विक्रम गौड़ को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है।