सिंहस्थ पर फिर बरसी आफत की बारिश, उड़ गए पंडाल

सिंहस्थउज्जैन। मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ के दूसरे शाही स्नान के दौरान सोमवार को चली तेज अांधी और बारिश से व्यवस्थाएं एक बार फिर गड़बड़ा गई हैं और पानी भरने के साथ कई पंडाल गिर गए हैं। वहीं रामघाट क्षेत्र में सीवर लाइन के फूट जाने से क्षिप्रा नदी में गटर का गंदा पानी पहुंच रहा है। सिंहस्थ कुंभ के दूसरे शाही स्नान के दौरान सोमवार की दोपहर दो बजे के बाद अचानक चली आंधी और बारिश से मेला क्षेत्र में अफरातफरी मच गई है। विभिन्न स्थानों पर मौजूद श्रद्धालु सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। वहीं दूसरी ओर पंडालों में पानी भर गया है, कुछ पंडाल गिर गए है। पेड़ और टावर गिर गए हैं।

सिंहस्थ कुंभ पर मौसम की मार

कुछ घायलों के अस्पताल पहुंचने की खबरें आ रही हैं। वही अक्षय तृतीया के कारण पहुंची श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते जगह-जगह जाम लग गया है।

एक तरफ जहां बारिश और आंधी से पंडाल गिरे हैं, वहीं रामघाट क्षेत्र में सीवर लाइन फूट जाने से गटर का गंदा पानी सीधे क्षिप्रा नदी में पहुंच रहा है। रामघाट पर मौजूद श्रद्धालु और साधु-संतों ने सीवर का गंदा पानी नदी में जाने पर रोष जाहिर किया।

रामघाट पर मौजूद साधुओं का कहना है कि तीन दिन पहले भी सीवर लाइन फूटी थी और आज शाही स्नान के दिन कुछ देर की बारिश में फिर सीवर लाइन फूट गई है। क्षिप्रा का पानी इस गंदगी के कारण बदबू मार रहा है और उसमें स्नान करना मुश्किल हो गया है।

मौसम विभाग ने तीन दिन पहले ही सोमवार को भारी बारिश और आंधी चलने की चेतावनी जारी की थी, उसके बाद भी प्रशासन की ओर से एहतियाती कदम नहीं उठाए गए। दूसरे शाही स्नान में लाखों लोगों के आने के बाद भी बारिश-आंधी की स्थिति में सुरक्षित स्थान निर्धारित नहीं किए गए, जिस कारण श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है।

मौसम विभाग के निदेशक अनुपम कश्यपी ने संवाददाताओं को बताया है कि वे लगातार उज्जैन के प्रशासन को अवगत कराते आ रहे हैं कि मानसून पूर्व गतिविधियों के कारण दोपहर बाद बारिश और आंधी चल सकती है।

इससे पहले, शुक्रवार को भी तेज आंधी और बारिश हुई थी, जिसमें 700 पंडाल ढह गए थे। सात लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

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