सिंधु नदी समझौता नहीं तोड़ पाएगा भारत, सामने आई बड़ी मुश्किल!
वाशिंगटन। सिंधु नदी समझौता टूटने के डर से घबराए पाकिस्तान ने अमेरिका के सामने नया प्रस्ताव रखा है। अमेरिका में पाकिस्तानी दूतावास ने मदद की गुहार लगाई है। कहा गया है कि भारत सरकार की ओर से कश्मीर में नीलम और चेनाब नदियों पर कराया जा रहा निर्माण अवैध है। इसे रोकने की दरख्वास्त की गई है।
अमेरिका में पाकिस्तानी दूतावास की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, ‘पाकिस्तानी प्रतिनिधिमण्डल और वर्ल्ड बैंक के अधिकारियों की मुलाकात में सिंधु नदी समझौते पर बात हुई। विश्वास दिलाया गया कि इस समझौते पर गंभीरता से नजर रखी जाएगी।’
पाकिस्तान के इस प्रतिनिधिमण्डल में अटॉर्नी जनरल अश्तर औसफ अली और वर्ल्ड बैंक के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे। बैठक में पाकिस्तान ने 1960 में हुए सिंधु नदी समझौते के खास बिंदुओं पर अमेरिका का ध्यान दिलाया।
यह समझौता वर्ल्ड बैंक ने भारत और पाकिस्तान के बीच करवाया था। पाकिस्तान का कहना है कि इस समझौते के तहत भारत के अधिकार क्षेत्र में रावी, सतलज और व्यास नदी आती है, जबकि पाकिस्तान का हक सिंधु, झेलम और चेनाब पर है। इन नदियों के पानी से भारत और पाकिस्तान अपनी बिजली जरूरतों को भी पूरा करते हैं।
पाकिस्तान ने समझौते के 9वें बिन्दु पर अमेरिका का ध्यान दिलाया है। पाकिस्तान के मुताबिक नीलम और चेनाब झील पर भारत की ओर से हाइड्राइलेक्ट्रिक प्लांट बनाया जा रहा है, जो नियमत: गलत है। पाक का कहना है कि सिंधु नदी समझौते पर बने आयोग में भी यह मुद्दा उठाया गया है। इधर, भारत इस प्लांट के जरिए अपनी बिजली जरूरतों को पूरा करने की कोशिश में है।
इस मुद्दे के निपटारे के लिए पाकिस्तान अब वर्ल्ड बैंक पर दबाव डाल रहा है। पाकिस्तान के मानना है कि अगर वर्ल्ड बैंक पर दबाव बना तो भारत सिंधु नदी समझौता किसी कीमत पर नहीं तोड़ पाएगा।