सिंधु : चीन की दीवार पहले ही ढह चुकी है

सिंधुगुरुग्राम। रियो ओलम्पिक में रजत पदक जीतने वाली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पी. वी. सिंधु ने कहा कि चीन के खिलाड़ियों की विफलता ने महिला बैडमिंटन जगत में कई चीजों को बदल दिया है। भारतीय खिलाड़ी ही नहीं स्पेन, दक्षिण कोरिया, मलेशिया के खिलाड़ियों ने भी अपने प्रदर्शन से काफी प्रभावित किया है। सिंधु को रियो ओलम्पिक-2016 में स्पेन की कैरोलिना मारिन के हाथों फाइनल में मात खाकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा था।

सिंधु को सोमवार को पैनासोनिक बैट्री का ब्रैंड एम्बेसडर बनाया गया।

सिंधु ने कहा, “हालिया दौर में अगर आपने भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन देखा हो तो पता चलेगा की हमारे खिलाड़ी चीन के खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। हां चीन के खिलाड़ियों को पहले हराना काफी मुश्किल होता था, लेकिन अब सिर्फ भारतीय ही नहीं स्पेन, मलेशिया, जापान, कोरिया के खिलाड़ी भी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसलिए मेरा मानना है कि चीन की दीवार पहले ही ढह चुकी है।”

सिंधु और सायना नेहवाल मंगलवार से शुरू हो रहे इंडियन ओपन में भारतीय दल की आगुआई करेंगी। इस टूर्नामेंट में दोनों खिलाड़ियों के आमने-सामने होने की संभावना भी है।

सिंधु से जब सायना से संभावित मुकाबले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैं इतनी दूर के बारे में नहीं सोच रही हूं। मैं इस समय एक मैच पर ही ध्यान देना चाहती हूं। पहले दौर में मेरा मुकाबला शायद सिंगापुर की खिलाड़ी से होगा। इसलिए मैं अभी उस पर ध्यान दे रही हूं। इसके बाद मैं आगले मैचों के बारे में सोचूंगी।”

उन्होंने कहा, “हर दौर महत्वपूर्ण और मुश्किल होता है। पहले दौर में खेलने से पहले आप क्वार्टर फाइनल के बारे में रणनीति नहीं बना सकते। इसलिए मेरी कोशिश एक बार में एक मैच पर ध्यान देने की है।”

उन्होंने कहा, “ऑल इंग्लैंड ओपन के बाद यह मेरा पहला टूर्नामेंट है। जहां तक अभ्यास की बात है सब कुछ अच्छा चल रहा है। मैं अपने घर में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगी।”

इंडिया ओपन में दबाव के बारे में सिंधु ने कहा, “जब मैं कोई टूर्नामेंट खेलती हूं तो हर कोई सिंधु को जीतते हुए देखना चाहता है। लेकिन मैं ज्यादा दबाव नहीं ले रही हूं और अपना स्वाभविक खेल खेलूंगी।”

इंडिया ओपन राष्ट्रीय राजधानी में 28 मार्च से दो अप्रैल के बीच खेला जाएगा।

राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में बड़े खिलाड़ियों के न खेलने के सवाल पर सिंधु ने कहा, “मैंने राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था और अन्य बड़े खिलाड़ी भी इसमें हिस्सा लेते हैं। लेकिन जब आपके सामने अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बड़े टूर्नामेंट चैम्पियनशिप से पहले और बाद में होते हैं तो आपके पास राष्ट्रीय प्रतियोगिता को छोड़ने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचता।”

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