
पटना। चर्चित चारा घोटाले में सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद पर बाकी पांचों मामलों में भी अलग-अलग मुकदमा चलाने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद लालू की मुश्किलें बढ़ गई हैं, वहीं बिहार में इसको लेकर राजनीति तेज हो गई है। मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जहां लालू प्रसाद पर सभी आरोपों को लेकर निशाना साध रही है, वहीं सत्ताधारी महागठबंधन का घटक जनता दल (युनाइटेड) इसे न्यायालय का फैसला बताकर सधे अंदाज में प्रतिक्रिया दे रहा है। विपक्ष लालू के बहाने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तंज कसने से नहीं चूक रहा।
भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि चारा घोटाला के कारण पहले से ही बिहार बदनाम हुआ है।
उन्होंने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से यह साफ हो गया है कि अपराधी कितना भी बड़ा क्यों नहीं हो, कानून की नजर से बच नहीं सकता।”
महागठबंधन पर खतरा संबंधित एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यह नीतीश कुमार को सोचना है कि वे कैसे लोगों के साथ मिलकर सरकार चलाना चाहते हैं। जैसी करनी-वैसी भरनी।
इधर, भाजपा के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा है कि अब साबित हो गया है कि लालू अपराध की राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं। अब इतना तय है कि इनका महागठबंधन अब ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में टेप प्रकरण में उनका अपराध और अपराधों के शहंशाह शहाबुद्दीन से लालू की बातचीत सामने आई है और अब न्यायालय का फैसला सामने आ गया है। जनता के सामने सबकुछ है।
उधर, जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने सधे अंदाज में कहा कि लालू प्रसाद का मामला न्यायालय की प्रक्रिया के अधीन चल रहा है। यह फैसला भी न्यायालय का है। फैसले की कॉपी के अध्ययन करने के बाद ही कुछ बोला जा सकता है, अभी न्यायालय के आदेश पर प्रतिक्रिया देना न्यायसंगत नहीं है।
राजद का कोई भी नेता अभी तक इस मामले में प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं। वैसे, इस फैसले के बाद लालू प्रसाद के पटना स्थित आवास पर कई नेताओं के आने का सिलसिला जारी है।