सर्द हवाओं से अभी नहीं मिलेगी राहत, अगले 48 घंटे तक रहेगा प्रकोप

रविवार का दिन सीजन का सबसे सर्द दिन रहा। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली का अधिकतम तापमान सामान्य से 3 डिग्री कम यानी 19.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं अब तक का सबसे कम न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री दर्ज हुआ। यानी दिल्ली समेत उत्तर भारत में शीत लहर (Cold Wave) का प्रकोप जारी है।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली में सापेक्षिक आर्द्रता 39 से 85 के बीच रही। वहीं अधिकारिक पूर्वानुमान के मुताबिक आज यानी सोमवार को आसमान साफ रहेगा। वहीं पूरे देश भर के कुछ स्थानों में शीतलहर की स्थिति रह सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार को भी सर्द हवाएं चलेगी। IMD ने कहा कि शनिवार को मौसम का पहला ‘सर्द दिन’ रहा और पश्चिमोत्तर हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 17.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 5 डिग्री कम और इस मौसम का सबसे कम तापमान है।

देश के ज्यादातर हिस्से इस समय हाड़ कंपाने वाली ठंड की चपेट में है। IMD के मुताबिक हरियाणा (Haryana), पंजाब (Punjab), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), राजस्थान (Rajasthan) और हिमाचल प्रदेश के तमाम हिस्से बहुत ही भीषम कोल्ड वेव (Severe Cold Wave) की चपेट में हैं। IMD के मुताबिक जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम या इसके बराबर और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया जाता है, तो उसे ‘सर्द दिन’ कहा जाता है। मौसम वैज्ञानिकों ने दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल के कई हिस्सों के कोल्ड वेव (Cold Wave) की चपेट में होने की पुष्टि की है।

पहाड़ों में बर्फबारी की वजह से मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ी है। इस बीच IMD ने अगले 48-72 घंटों तक शीत लहर से किसी तरह के राहत न मिलने का अनुमान जताया है। आईएमडी ने भविष्यवाणी की है कि नॉर्थ-वेस्ट इंडिया में अगले 3 दिनों तक शीत लहर जारी रहेगी। इस दौरान 15 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से ठंडी हवा बह सकती है। यानी अभी अगले कुछ दिन बहुत संभल कर रहना होगा। सामान्य तापमान यानी नॉर्मल टेंपरेचर की गणना हर 5 दिनों के लिए होती है। यह बीते 30 सालों से ज्यादा वक्त से उन दिनों का औसत तापमान होता है। अपने तपते रेतीले धोरों के लिए मशहूर राजस्थान के कई इलाकों में भी पारा शून्य के नीचे गया।

आपको बता दें कि मैदानी और पहाड़ी इलाकों के लिए कोल्ड वेव के पैमाने अलग-अलग हैं। मौसम विभाग के अधिकारियों और वेदर एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान गिरकर 2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाए या फिर न्यूनतम तापमान में सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गिरावट दिखे। पहाड़ी इलाकों में अगर न्यूनतम तापमान शून्य या उससे नीचे चला जाए तो कोल्ड वेव मानी जाती है। इसके अलावा अगर न्यूनतम तापमान सामान्य से 4.5 से लेकर 6.4 डिग्री सेल्सियस तक कम हो तब भी कोल्ड वेव की स्थिति होती है। अगर किसी इलाके में लगातार दो दिनों तक न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम हो और उस दिन का अधिकतम तापमान भी सामान्य से 4.5 से लेकर 6.4 डिग्री तक कम हो।

वहीं अगर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम हो और अधिकतम तापमान में 6.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गिरावट दर्ज हो तो ये सिवियर कोल्ड डे यानी ‘गंभीर ठंडक वाले दिन’ के तौर पर रजिस्टर्ड होता है। मैदानी इलाकों में अगर किसी वेदर स्टेशन पर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम रहे या फिर यह सामान्य तापमान से 4.5 डिग्री से लेकर 6.4 डिग्री सेल्सियस तक कम हो तो ये स्थिति शीत लहर कहलाएगी। इसके अलावा अगर न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस या उससे कम दर्ज हो तब भी कोल्ड वेव मानी जाती है।

यह भी पढ़े: ओमिक्रॉन भारत में पैर पसारना शुरु कर चुका, जाने कहां बढ़ी मरीजों की संख्या

LIVE TV