सरकार की इस योजना के बाद ग्राहकों से जीएसटी नहीं वसूल पाएंगे व्यापारी

नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत कंपोजिशन स्कीम में पंजीकृत व्यापारी अपने ग्राहकों से अब टैक्स नहीं वसूल सकेंगे। राजस्व विभाग एक योजना बना रहा है, जिसके तहत कंपोजिशन स्कीम में पंजीकृत कारोबारियों को अपने बिल पर जीएसटी पंजीकरण का स्टेटस दिखाना ही होगा।

इससे वे ग्राहकों से जीएसटी के मद में कोई रकम नहीं ले सकेंगे। विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक कंपोजिशन स्कीम में पंजीकृत कारोबारियों के लिए नियम यह है कि वे ग्राहकों से जीएसटी नहीं ले सकते।

लेकिन ज्यादातर ग्राहकों को यह पता नहीं होने के चलते कारोबारी इसका बेजा फायदा उठाते हैं। विभाग का कहना है कि कंपोजिशन स्कीम के व्यापारी अक्सर ग्राहकों से जीएसटी वसूल कर लेते हैं। इतना ही नहीं, वे विभाग में यह राशि जमा भी नहीं कराते।

विभाग ग्राहकों को जागरूक करने के लिए भी अभियान चलाने की योजना बना रहा है। कंपोजिशन स्कीम में पंजीकृत कारोबारियों और उत्पादकों को यह छूट मिली हुई है कि वे जीएसटी की पांच, 12 और 18 फीसद कैटेगरी वाली वस्तुओं पर सिर्फ एक फीसद जीएसटी अदा करें।

लेकिन यह एक फीसद भी वे अपने ग्राहकों से नहीं ले सकते। अधिकारी का कहना था कि अभियान के तहत विभाग अधिक से अधिक ग्राहकों को यह जानकारी देने की कोशिश करेगा कि कंपोजिशन स्कीम में पंजीकृत डीलर से खरीदारी के वक्त वे जीएसटी का भुगतान नहीं करें।

गौरतलब है कि सालाना एक करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले कारोबारी या मैन्यूफैक्चरर कंपोजिशन स्कीम के तहत पंजीकरण करा सकते हैं। पिछले सप्ताह गुरुवार को जीएसटी काउंसिल की हुई बैठक में यह फैसला लिया गया कि इस वर्ष पहली अप्रैल से एक करोड़ रुपये की यह सीमा बढ़कर डेढ़ करोड़ रुपये हो जाएगी।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद कई राज्यों के राजस्व में जो कमी आई है, उसे दुरुस्त करने के उपाय सात सदस्यीय समिति सुझाएगी। जीएसटी काउंसिल की एक सूचना में कहा गया है कि बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी इस समिति का नेतृत्व करेंगे।

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वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल ने राज्यों के राजस्व संग्रह में कमी के कारणों के विश्लेषण और राजस्व बढ़ाने के उपायों पर विचार के लिए एक समिति के गठन का फैसला किया था।

जुलाई, 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद पंजाब, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, गोवा, बिहार, गुजरात और दिल्ली के राजस्व संग्रह में कमी आई है। केंद्र शासित प्रदेशों के मामले में राजस्व में सबसे ज्यादा 43 फीसद की कमी पुदुच्चेरी में आई है।

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