
लखनऊ। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर संघर्ष कर रही ऑल टीचर्स एंप्लायज वेलफेयर असोसिएशन ‘अटेवा’ के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने 4 दिसंबर को बड़े आंदोलन की घोषणा की है। अटेवा से जुड़े लाखों लोग राजधानी में महारैली करने के बाद विधानसभा का घेराव करेंगे। अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष बन्धु ने बताया है कि 7 दिसंबर 2016 को महारैली के बाद विधानसभा का घेराव किया जाएगा। इस महारैली में प्रदेश भर से शिक्षक, कर्मचारी और अधिकारी शामिल होंगे।
बन्धु के मुताबिक, घेराव के बाद उत्तर प्रदेश सरकार से अन्य राज्यों की तरह ही प्रदेश में भी पुरानी पेंशन बहाली की मांग की जाएगी। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश अटेवा-पेंशन बचाओ मंच के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु के एक प्रतिनिधि मंडल ने सीएम अखिलेश से लोकभवन मुलाकात भी की थी। इस मुलाकात में सीएम अखिलेश ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए उन्हें पूरी तरह से आश्वस्त भी किया था। साथ ही सीएम ने यह भी कहा था कि वे जल्द ही इस समस्या का निराकरण भी करेंगे।
बन्धु ने बताया कि इस महारैली और विधानसभा घेराव में सेवानिवृत्त पेंशनर असोसिएशन, यूपी पीडब्ल्यूडी सर्किल मिनिस्ट्रियल असोसिएशन, उत्तर प्रदेश पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ, माध्यमिक शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षेणत्तर कर्मचारी महापरिषद, यूपी माध्यमिक शिक्षेणत्तर संघ, प्रादेशिक चिकित्सा एवं सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा संघ समेत कई संघ, संगठन और असोसिएशन के पदाधिकारी शामिल होंगे।
बन्धु ने कहा कि 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों को बुढ़ापे में दी जाने वाली पुरानी पेंशन को समाप्त कर दिया गया है, जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश के 10 लाख से अधिक युवा शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों में भारी निराशा है। यही वजह है कि इनके भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है। वहीं, भारत के 3 राज्यों- पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और केरल में आज भी सरकार ने अपने कर्मचारियों के हितो का ध्यान रखते हुए पुरानी पेंशन व्यवस्था जारी रखी है। बन्धु का कहना है कि ऐसे में एक देश में 2 विधान यह कैसा न्याय है?
बन्धु के मुताबिक, हाई कोर्ट ने एक बेहद चर्चित याचिका डीएस नाकरा और अन्य बनाम भारत सरकार के मुख्य न्यायधीश वाईबी चन्द्रचूड की अध्यक्षता में 5 जजों की संविधान पीठ ने 17 दिसंबर 1982 में यह सिंद्धात निरूपित किया कि पेंशनर को इस रूप में योग्य होना चाहिए कि वह अपने ऊपर आश्रित रहे और उसका स्वयं का सम्मान, जीवन-यापन का स्तर पूर्व में की गई लंबी क्षमतापूर्वक सेवाओं के माध्यम से अर्जित धनराशि ही पेंशन है और पेंशन को सामाजिक और आर्थिक न्याय बताया था।
इस दौरान वरिष्ठ कर्मचारी नेता अमर नाथ यादव ने बताया कि एनपीएस में कर्मचारियों के वेतन, ग्रेड पे और मंहगाई भत्ता के 10 फीसदी कटौती और उतनी ही धनराशि सरकार द्वारा जमा कर निजी कंपनियों को उनका धंधा चलाने के लिए दिया जाना घोर अन्याय है। उन्होंने कहा कि अंशदायी पेंशन योजना में किसी प्रकार की रिटर्न गारंटी न देकर केवल बाजार आधारित गारंटी देना कर्मचारियों, शिक्षकों के बुढ़ापे को आधार में डालने जैसा है।
उन्होंने कहा कि सेंसेक्स और निफ्टी के उतार-चढ़ाव से यह स्पष्ट है कि पूरे सेवाकाल के बाद शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों को सेवानिवृत्ति पर जीपीएफ ब्याज दर पर भी पैसा नहीं मिल पाएगा, इस बात की पूरी संभावना है। इस योजना से शतप्रतिशत कर्मचारी शिक्षकों का अहित होगा।
इस दौरान डॉक्टर मनोज पांडेय, डॉक्टर नीरजपति त्रिपाठी, प्रदीप सिंह, क्रांति सिंह, रामेन्द्र श्रीवास्तव, डॉक्टर राजेश यादव, डॉक्टर रमेश चन्द्र त्रिपाठी, रविन्द्र वर्मा और विक्रमादित्य मौर्या सहित कई संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।