उज्जैन| शहर में चल रहे सिंहस्थ महाकुम्भ मेले में श्रीपंच दशानन आवाहन अखाड़े के महंत महाकाल गिरि खड़े श्रीनागा बाबा के पांडाल में एक ऐसी अगरबत्ती जल रही है जिसे देखने के लिए लोगों का ताँता लगा हुआ है। उनका दावा है कि ये दुनिया की सबसे बड़ी अगरबत्ती है|
खबर के मुताबिक महाकाल गिरि बाबा विश्व कल्याण और गौ रक्षा के उद्देश्य से पिछले नौ सालों से एक ही पैर पर खड़े हैं। उनके ही संकल्प से यह अगरबत्ती प्रज्वलित की गई है। उनका दावा है कि यह अद्भुत अगरबत्ती, जो सिंहस्थ महाकुम्भ की शुरुआत से ही जल रही है, सिंहस्थ मेले के अंत तक लगातार जलती रहेगी।
सबसे बड़ी अगरबत्ती है बेहद ख़ास
भोलागिरि महाराज के शिष्य पाताल गिरि जी महाराज ने बताया, ‘गौमूत्र, गोबर, दही, गाय का घी, गुगल, चन्दन, कपूर के अलावा 21 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से निर्मित यह अगरबत्ती 121 फिट लंबी है। इसको बनाने के लिए 75 दिन लगे हैं। यह कुंभ के अंदर 45 दिन अखंड चेतन रहेगी। इसकी लागत कम से कम साढ़े तीन लाख रुपया लगी है’।
पाताल गिरिजी ने कहा, ‘इसको गुजरात से यहां लाने में डेढ़ लाख रुपया लगा है। यह अगरबत्ती बड़ोदरा से 24 फरवरी को उज्जैन पहुंची है| अनेक कर्मचायियों ने मिलकर यह काम पूरा किया है। गऊ माता की रक्षा और गऊ माता पर कानून बनाने के उद्येश्य से यह कार्य किया गया है। इस अगरबत्ती को देखने के लिए आगुंतकों का आना जाना लगा रहता है’।
उन्होनें कहा, ‘गुजरात के बड़ोदरा के गौरक्षा प्रमुख बियाभाई भरवाड़ा ने इस अगरबत्ती का निर्माण कराया है। ये अगरबत्ती आयुर्वेद पद्धति से निर्मित है और पूर्ण रूप से शुद्ध है। इसमें किसी भी प्रकार के केमिकल का कोई उपयोग नहीं किया गया है’।
हम आप को बता दें कि गौरक्षा अभियान के तहत यह अगरबत्ती श्री पंचदशनाम आह्वान अखाड़ा सदावल मार्ग बड़नगर रोड (उज्जैन) के पास रखी गई है। इसकी खुशबू से पूरा मेला क्षेत्र महक रहा है|