सबरीमाला में प्रवेश करने वाली 2 महिलाओं के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ये फैसला

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केरल सरकार को सबरीमाला के भगवान अयप्पा मंदिर में प्रवेश करने वाली दो महिलाओं की समुचित व पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया।

सबरीमाला

 

इन महिलाओं के इस मंदिर में प्रवेश करने के बाद राज्यव्यापी विरोध-प्रदर्शन हुआ था।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कनक दुर्गा और बिंदु अम्मीनी को सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए। न्यायालय ने इसके अलावा उनकी याचिका को समीक्षा याचिकाओं के साथ जोड़ने से इनकार कर दिया, जिन पर संभवत: 22 जनवरी को सुनवाई होने वाली है।

प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने कहा, “इसके अलावा हम किसी भी अन्य मामले में जाने की जरूरत महसूस नहीं करते।”

केरल सरकार ने अदालत से कहा कि उसने पहले से ही दोनों महिलाओं को सुरक्षा प्रदान की हुई है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने कहा कि सितंबर 2018 में जब अदालत ने सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी हटाई थी, तबसे अबतक 51 महिलाएं मंदिर में प्रवेश कर चुकी हैं।

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प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने केरल सरकार की तरफ से पेश वकील विजय हंसारिया से कहा, “आप उनकी जिंदगी और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं। अगर आप हमारे आदेश के बिना उनकी देखभाल कर रहे हैं, तो ऐसा करते रहिए।”

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