रिपोर्ट -आशीष सिंह
लखनऊ : राजधानी लखनऊ को प्रतिदिन 65 मिलियन लीटर पानी कम मिल रहा है | जिससे शहर में पेयजल का संकट आ गया है | लगातार बढ़ते तापमान से भूगर्भ जल स्तर नीचे खिसकता जा रहा है |
जहाँ एक ओर हैंडपाइप से लेकर बोरिंग तक फेल हो रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर जल संस्थान के महाप्रबंधक एस.के. वर्मा जल संकट पर बगलें झांक रहे हैं | गिरते जल स्तर को लेकर नगर निगम सदन में जल्द ही प्रस्ताव ला रहा है |
जो जल्द ही पास होकर लागू होगा | इसमें अर्थदंड से लेकर तमाम कानून शामिल होंगे | भूगर्भ जल को लेकर लखनऊ विवि के भू गर्भ विशेषज्ञ प्रो. के.के अग्रवाल ने बताया कि जब तक वर्षा जल संचयन नहीं होगा तब तक जल स्तर को ठीक करना मुश्किल है |
गऊघाट स्थित रॉ वाटर पम्पिंग स्टेशन पर गोमती नदी का न्यूनतम जल स्तर 346.8 से 12 इंच नीचे पहुंच गया है | गोमती नदी के जलस्तर में गिरावट आने की वजह से शहरवासियों को प्रतिदिन 350 (मिलियन लीटर पर डे) एमएलडी मिलने वाला पानी अब नहीं मिल रहा |
यह अब प्रतिदिन 65 (मिलियन लीटर पर डे) एमएलडी पानी की कम आपूर्ति की जा रही है | जिससे लोगों को तमाम तरह की समस्याएं उठानी पड़ रही हैं | गऊघाट से ऐशबाग और बालागंज पम्पिंग स्टेशन को पानी जाता है |
यहां पर पानी को शुद्ध करके उसे प्रयोग के लिए बनाया जाता है | सूत्रों के अनुसार 2017, 2016 और 2015 की अपेक्षा 2019 में सबसे ज्यादा गोमती नदी का जल स्तर काम हुआ है |
इसी तरह भू गर्भ जल भी लगातार नीचे जा रहा है | जिससे नलकूप से लेकर अपार्टमेंट और हैंडपाइप से पानी निकलना बंद हो गया | जहाँ कहीं पानी आता भी वह गन्दा होता है |
वादों के मुताबिक नहीं सुधरे राजधानी के कब्रिस्तान और श्मशान !
गोमतीनगर के वरदान खंड में 200 फिट नीचे बोरिंग कराई गयी थी लेकिन भूगर्भ जलस्तर नीचे चले जाने के कारण यहां फिर से 400 फिट से अधिक की बोरिंग कराई गयी |
इसी तरह पेपर मिल कालोनी के पास भी जलस्तर नीचे हो जाने से लोगों के लिए बोरिंग करवानी पड़ रही है | शहर के चौराहों और गलियों में जो भी हैंडपाइप लगाए गए थे उनसे पानी नही निकल रहा | इससे स्थानीय लोगों के साथ ही बाहर से आये लोगों को पेयजल की गंभीर समस्या से जूझना पड़ रहा है |
जल संस्थान लखनऊ से मिले आंकड़ों के अनुसार 1985 में शहर की मांग पूरी करने के लिए केवल 70 ट्यूबवेल लगाए गए थे | इनकी संख्या अब बढ़कर 650 से अधिक हो गई है |
होटल, मॉल, और रेस्त्रां में पानी का खूब दोहन होता है लेकिन फ़िलहाल नगर निगम की ओर से कानून ना होने के कारण रोक नहीं लग पा रही है |
नगर आयुक्त डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि भूगर्भ जल को बचाने और उसके दुरूपयोग को रोकने के लिए जल्द ही कानून ला रहा है | इसके बाद कार्रवाई करने में आसानी होगी और भूगर्भ जलस्तर को सुधारा जा सकेगा |